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देर रात्रि तक बही काव्य रस धारा।
- 151075042 - BHANU PRATAP SINGH
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17 Jul 2020 06:50 AM
सन्तपाल सिंह राठोड़ स्मृति अखिल भारतीय आनलाइन कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन।
देर रात्रि तक बही काव्य रस धारा।
सतपाल राठोड़ की षष्ठम पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी स्मृति में अखिल भारतीय आनलाइन कवि सम्मेलन प्रो (डा) राजेन्द्र सिंह पुंडीर, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री व अध्यक्ष, ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश लखनऊ के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ख्यातिलब्ध साहित्यकार संजय पांडेय गौहर ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध कवि कुमार आशू (मध्यप्रदेश) की सरस्वती वंदना से हुआ।
तदन्तर उमेश त्रिगुणायत (बरेली) ने काव्य पाठ करते हुए कहा -
मोहब्बत में अहदे वफ़ा चाहता हूँ।
मैं केवल नफ़ा ही नफ़ा चाहता हूँ।
मध्य प्रदेश से ओज कवि महेंद्र चौधरी ने पढ़ा-
कायर पड़ोसियों को सबक सिखाया नहीं
वर्तमान युद्ध भी कहानी हो गया है क्या ?
खौलता नहीं है रक्त मृत वीर देखके भी
लहू हिन्दुस्तानियों का पानी हो गया है क्या?
पल्लवी भारद्वाज (मुरादाबाद) ने पढ़ा -
धोखे से मारा होगा धोखे से मारा होगा,
वरना हमारे सैनिक का बल कम नहीं होता ।।
कार्यक्रम अध्यक्ष संजय पांडेय गौहर (पीलीभीत) ने कहा -
अंतर में मझधार लिए बैठे हैं ।।
ख्वाहिश के मीनार लिए बैठे हैं ।।
दिल मे सब कुछ पाने की हसरत लेकर ।
जिव्हा पर इनकार लिए बैठे हैं ।।
गोला लखीमपुर-खीरी से श्रीकांत तिवारी ने पढ़ा -
चार दिन रह कर बहू ससुराल में कहने लगी,
या तो घर में मैं रहूँगी या तुम्हारी माँ रहे,
सब सही,सब ठीक है, केवल दिखावे के लिए
आदमी नकली सही लेकिन हँसी हँसता रहे।
नवनीत मिश्र'नवल (सिधौली)सीतापुर ने पढ़ा -
कह दिया सच तो हमसे खफा हो गए,
आके बैठे थे फौरन दफा हो गए ।
हाँ में हाँ गर मिलाते वफ़ादार थे ,
बात सच क्या कही बेवफ़ा हो गए ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए षटवदन शंखधार ने पढ़ा -
चीनियों की चूं चूं और ना सहेंगे मीत,
इनको ज़बाब देना है जरूरी हो गया ।
कुमार आशू (मध्यप्रदेश) ने गजब का श्रृंगार पढ़ा -
याद कर तुझको शब से सहर हो गई
इस उदासी में फिर दोपहर हो गई,
दूर जब से हुआ मुझसे दिलबर मेरा
मिश्री सी जिंदगी ये जहर हो गई।
पवन शंखधार ने पढ़ा -
जिनके नसीब कभी रोटियां नहीं थी मित्र
उनके घरों में आज ड्राईफूट आये है ।
मनीष प्रेम ने पढ़ा :
रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे
मेरे जियरवा में शोले भड़के
जल हू ने अगनि लगाई
सखी री मोरे श्याम न आये
श्रावण की रितु आयी
सखी री मोरे श्याम न आए।
सम्पूर्ण आयोजन को तकनीकी सहयोग गजेन्द्र गंगवार बरेली का रहा।
कार्यक्रम संयोजक हरिप्रताप सिंह राठोड़, एडवोकेट ने सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त किया और सभी कविगण को सम्मान पत्र प्रदान किए।
कार्यक्रम में श्रोता के रूप में एम एल गुप्ता, उमेश कुमार सिंह, राजपाल सिंह राठोड़, डॉ सुशील कुमार सिंह, राकेश सिंह, वेदपाल सिंह, अखिलेश सिंह, सरिता सिंह,स्मिता पांडेय, कुंवरसेन, ममता दीक्षित, वीरेन्द्र कुमार,ध्रुवदेव गुप्ता, भूपेंद्र सिंह,भवेश प्रताप सिंह,हरि प्रकाश सिंह, अखिलेश्वर प्रताप सिंह,वीर प्रताप सिंह,अमर प्रताप सिंह, विपिन कुमार सिंह, सतेन्द्र सिंह गहलोत,आर्येन्द्र पाल सिंह,भानुप्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह,असद अहमद, नारद सिंह, डॉ रामरतन सिंह पटेल,एस सी गुप्ता, कैप्टन राम सिंह,एम एच कादरी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।