प्रयागराज। आयुर्वेद में पलाश क्षार विधि से कैंसर के इलाज में डॉ. संतोष दुबे को सफलता मिली है। हिंदुस्तानी अकादमी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि अगस्त महीने में प्रेमादेवी के बच्चेदानी के कैंसर का इलाज वैश्विक पलाश विधि के माध्यम से किया गया और यह सर्जरी सफल रही।सर्जरी के बाद एमआरआई रिपोर्ट में कहीं भी कैंसर के चिन्ह नहीं मिले।यह परिणाम आयुर्वेदिक उपचार पद्धति के लिए उत्साहजनक है।डॉ दुबे ने कहा कि उच्च क्षमता वाले पलाश विधि का सही से प्रयोग किया जाए तो विभिन्न प्रकार के कैंसर में सकारात्मक एवं प्रभावी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। डॉ अवनीश पाण्डेय ने बताया कि आयुर्वेद में आचार्य सुश्रुत जिन्हें सर्जरी का प्रणेता कहा जाता है, उनके द्वारा क्षार चिकित्सा के बारे में हजारों वर्ष पहले ही जानकारी दी गयी है।क्षार छेदन ,भेदन और लेखन कर्म करने के कारण श्रेष्ठ बताया गया है।पलाश या टेशू जिसे ब्यूटीया मोनोस्पर्मा के नाम से जानते हैं, इसमें एंटीकैंसरस, एंटी आक्सीडेंट, फ्री रेडिकल स्कैवेंजिग गुण मौजूद हैं।इसका प्रयोग ट्यूमर एवं घाव के उपचार में प्राचीन समय से किया जा रहा है। आज इसके लिए एविडेंस बेस्ड रिसर्च की आवश्यकता है। वरिष्ठ चिकित्सक
डॉ भरत नायक ने कहा कि कैंसर जैसी बीमारी का इलाज आयुर्वेद में संभव है, बशर्ते मरीज समय रहते आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लें।कैंसर के मरीजों में इम्यूनिटी कम होने से रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।इम्यूनिटी वर्धक दवाओं से कैंसर के रोगी में सकारात्मक परिणाम देखा गया है।
डॉ.अरविंद मिश्रा, डॉ ओ.पी.मिश्रा, डॉ मोहन मौजूद रहे। रिपोर्ट मनोज सिंह 151008265
