वाराणसी । डॉक्टर राजेन्द्रराव सीएमई दो हजार पच्चीस के पहले दिन आई एम एस बी एच यू में देश भर से आए रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सकों ने स्तन और स्त्री के जननांगों की इमेजिंग और डायग्नॉस्टिक्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण चर्चा की।
कार्यक्रम का आरंभ विशेषज्ञों द्वारा बि रॉड्स लैक्सिकॉन' में विभिन्न जाँच विधियों, मेमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड व एमआरआई के उपयोग के ऊपर चर्चा हुई। इसमें डॉक्टर श्रेया शुक्ला, डॉक्टर तुलिका सिंह व डॉक्टर सुरभि व्यास ने विभिन्न पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । कार्यक्रम में हैंइस-ऑन ब्रेस्ट इमेजिंग वर्कशॉप और वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए । इन सत्रों में यूएसजी-गाइडेड प्रक्रियाओं, बायोप्शी और इंटरवेंशनल तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
आज प्रथम दिन वैज्ञानिक सत्र "विस्डम इन फोकसः पर्सपेक्टिव्स ऑन विमेन्स इमेजिंग के अन् तर्गत एम्स ऋषिकेश से आये डॉक्टर पंकज शर्मा तया टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर सुयश कुलकर्णी ने विशेष व्याख्यान दिया है।
स्तन कैंसर स्क्रीनिंग और शल्य पूर्व इमेजिंग पर केंद्रित प्रस्तुतियाँ
वैक्यूम-असिस्टेड ब्रेस्ट बायोप्शी (VABB) के व्यावहारिक प्रदर्शन
स्तन इमेजिंग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ए आई के उपयोग पर चर्चा
सत्रों में इस बात पर जोर दिया गया कि कई महिलाएँ जागरूकता की कमी या भय वश नियमित जांच नहीं करवातीं, जिससे रोग देर से पकड़ा जाता है। इसलिए शुरूआती इमेजिंग और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
डॉक्टर शिवी जैन, आयोजन सचिव ने कहा कि "आज की चर्चा न केवल वैज्ञानिक रूप से समृद्ध थी, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य को एक समग्र दृष्टिकोण से देखने की दिशा में भी महत्वपूर्ण थी। हमारा उद्देश्य व्यावहारिक ज्ञान और रोगी की जागरूकता के बीच सेतु बनाना है । देखे वाराणसी से रविन्द्र गुप्ता की रिपोट
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