फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ खूझीकला ग्राम में बाबू सत्यनारायण सिंह के आवास पर एक भव्य मांगलिक कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें अनेक विद्वान शिक्षक अधिवक्ता एवं संत उपस्थित हुए। सनातन परंपरा का पालन करते हुए वेद पाठी ब्राह्मणों द्वारा सूरज प्रताप सिंह सुपुत्र श्रीमती विद्यावती सिंह एवं अरुण सिंह के तिलकोत्सव का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में जनपद के अनेक विद्वान एवं संतों को अंगवस्त्रम एवं माल्यार्पण करके दक्षिणा प्रदान की गई। भारी जन समूह के मध्य लोगों ने करतल ध्वनि से इस कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा किया। इस अवसर पर धर्माचार्य ओमप्रकाश अनिरुद्ध रामानुज दास ने कहा कि हमें बाबू सत्यनारायण सिंह और उनके पुत्रों से सीख लेनी चाहिए। सनातन परंपरा जो विलुप्त हो रही है उसे जागृत करने के लिए आपने ब्राह्मणों का और संतों का जिस प्रकार से सम्मान किया है। यह अनुकरणीय है। आजकल ऐसे कार्यक्रमों में डीजे के द्वारा गीतों का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है जिसमें फूहड़ और अश्लील गीत गाए जाते हैं और शराब पीकर लोग उसमें डांस करते हैं, लेकिन आप कई जिलों से विद्वान ब्राह्मणों को बुलाकर के जिस तरह से वेद मन्त्रों के मध्य शंखध्वनि करा रहे हैं। इससे देवता और पूर्वज भी प्रसन्न हो रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, हे अर्जुन मासों में मैं मार्गशीर्ष मास हूं। यह संयोग है कि आज मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की पंचमी है और आज ही के दिन अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के सुपुत्र मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम एवं राजा सीरध्वज जिन्हें जनक कहते हैं उनकी पुत्री वैदेही जी का मिथिला के अंतर्गत पाणिग्रहण संस्कार संपन्न हुआ था। उस समय देवताओं ने पुष्प वर्षा किया था। आज वेद मंत्रों की जो ध्वनि आकाश मार्ग में जा रही है इससे देवता और पूर्वज प्रसन्न हो रहे हैं। आज ही अयोध्या धाम में मा प्रधानमंत्री जी द्वारा श्री राम लला जी के मंदिर पर वेद मत्रों के मध्य धर्म ध्वजा फहराई जा रही है। देवता वेद मंत्रों के आधीन हैं और वेद मंत्र ब्राह्मणों के आधीन हैं। जो ब्राह्मणों का सम्मान करता है संसार में सदैव उसका सम्मान होता है। राजा इक्ष्वाकु ने वशिष्ठ जी का सम्मान किया तो उन्हें अयोध्या जैसी नगरी और सरयू जैसी पावन नदी का जल प्राप्त हुआ ।आगे चलकर उन्ही के वंश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हुए, महाराज यदु ने गर्गाचार्य जी का सम्मान किया तो आगे चलकर उन्ही के वंश में भगवान श्रीमन्नारायण श्री कृष्ण के रूप में अवतरित हुए ।भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा जी का सम्मान किया। चंद्रगुप्त ने चाणक्य का सम्मान किया तो उन्हें अखंड भारत के साम्राज्य की प्राप्ति हुई। इसलिए ब्राह्मण का सदैव सम्मान करना चाहिए। आपने भगवान श्री जगन्नाथ जी से सिंह परिवार के मंगलमय जीवन की प्रार्थना किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास, आचार्य कमलेश तिवारी रामानुज दास, बाबा बेलखर नाथ धाम के पीठाधीश्वर कैलाश नाथ गिरी कृष्ण कुमार कुमार पाठक प्रधानाचार्य विश्वनाथ गिरी ज्ञानेश्वर महाराज दुर्गा प्रसाद शुक्ल प्रधानाचार्य पंडित दिनेश शर्मा प्रतिनिधि डॉक्टर महेंद्र सिंह एमएलसी पंडित संतोष उपाध्याय पंडित शीतला प्रसाद शुक्ला पंडित लाल बिहारी ओझा डॉक्टर संतोष ओझा विपिन ओझा महाकल दुबे राज कपूर मिश्र पूर्व प्रवक्ता का वेद मत्रों के मध्य सूरज सिंह द्वारा माल्यार्पण करके अंगवस्त्रम प्रदान किया गया। एसडीएम पट्टी तहसीलदार पट्टी विनोद पांडे प्रतिनिधि राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह पूर्व मंत्री सत्यनारायण सिंह सुधाकर सिंह प्रभाकर सिंह श्रीमती मीनू सिंह अरुण प्रताप सिंह संतोष पांडे राजेश सरोज प्रधान सहित क्षेत्र एवं जनपद के अनेक गणमान्य जन भारी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पंडित कृष्ण कांत मिश्रा ने किया। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
