वाराणसी। काशी में विराजित अन्नपूर्णा माता मंदिर को कई कुंतल धान की बालियों से सजाया गया, जहाँ पूर्वांचल के किसानों ने अपनी पहली फसल की बालियाँ माँ के चरणों में अर्पित कीं। इस कठिन व्रत में भक्त 17 गांठ और 17 धागे धारण करते हैं तथा पूरे 17 दिन केवल एक समय फलाहार बिना नमक के ग्रहण करते हैं। उद्यापन के दिन मंदिर परिसर को धान की बालियों से शृंगारित किया गया और माँ अन्नपूर्णा को विशेष आरती तथा भोग अर्पित किया गया। महंत शंकर पुरी ने बताया कि इस परम्परा से अन्न-धन की समृद्धि बनी रहती है और भक्तों की मनोकामनाएँ भी पूर्ण होती हैं रविन्द्र गुप्ता 151009219
