आलीराजपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आलीराजपुर की अध्यक्षता में संविधान दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर आलीराजपुर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया, जिसमें न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल, कर्मचारीगण द्वारा सहभागिता की गई। साथ ही क्रांतिकारी शहीद छितुसिंह किराड, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आलीराजपुर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा सहभागिता की गई। विधिक साक्षरता शिविर में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय ने विद्यार्थियों को बताया कि प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1949 में भारत की संविधान सभा की ओर से भारत के संविधान के तैयार खाके को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान के रूप में लागू किया गया था। मौलिक अधिकार और कर्तव्य भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमें जो मौलिक अधिकार प्राप्त है उनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल है। मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12-35 में दिए गए है। ये अधिकार प्रत्येक नागरिक के व्यक्तित्व विकास में मदद करते हैं और उसकी गरिमा की रक्षा करते हैं। मौलिक कर्तव्य देश के प्रति भारतीय नागरिकों की जिम्मेदारी है, जो संविधान के अनुच्छेद 51(ए) में दिए गए हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय प्राचार्य, प्राध्यापक व अन्य स्टाफ, पैरालीगल वालेंटियर एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। पायल बघेल 151172231
