यूपी आजमगढ़ में पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाले घूसखोरी के गंभीर मामले में SSP डॉ. अनिल कुमार ने कड़ा एक्शन लेते हुए देवगांव थाना के उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया है। ग्राम मिर्जापुर निवासी वादी आकाश चौहान पुत्र रामजियावन चौहान ने SSP को प्रार्थना-पत्र देकर बताया कि ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति व उसके साथियों ने पुरानी रंजिश के चलते उनके साथ मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें आईं। घटना पर देवगांव थाने में तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई और विवेचना उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को दी गई। वादी ने आरोप लगाया कि दारोगा ने आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट लगाने और त्वरित कार्रवाई करने के नाम पर 5000 घूस की मांग की। पीड़ित की शिकायत को SSP ने गंभीरता से लिया और स्वतंत्र जांच के लिए क्षेत्राधिकारी लालगंज को निर्देशित किया। जांच में यह पुष्टि हुई कि दारोगा द्वारा अवैध धनराशि की मांग सत्य है, जो पुलिस आचरण संहिता और विभागीय गरिमा के खिलाफ है। देवगांव थाना पर मु0अ0सं0 441/2025 के तहत धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में मुकदमा दर्ज कर उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को हिरासत में लेकर विधिक कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है। SSP डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति लागू है। कोई भी कर्मचारी अवैध धन उगाही या अनैतिक मांग में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ तुरंत कठोर कानूनी व विभागीय कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाओं से पुलिस की छवि खराब होती है। विभाग किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगा। सभी कर्मियों को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। देखे राजेश शिवहरे की रिपोट
बाइट — चिराग जैन, SP ग्रामीण आजमगढ़:
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