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महिला ने पुरुष को कराया स्तनप जगह पर हुई मौत
  • 151168597 - RAJESH SHIVHARE 0 0
    19 Nov 2025 22:28 PM



#उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव पतनपुरी में, एक साधारण किसान परिवार की जिंदगी अंधविश्वास और लालच की भेंट चढ़ गई। यह कहानी है दिनेश कुमार के परिवार की, जिसमें अंधविश्वास, लालच, धोखा, और अंत में क्रूरता ने सब कुछ तबाह कर दिया। यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज को चेतावनी देती है कि अंधविश्वास और लालच किस हद तक लोगों को अंधा बना सकता है।

अध्याय 1: एक साधारण किसान परिवार

दिनेश कुमार, पतनपुरी गांव का एक सम्मानित किसान था। उसकी अपनी अच्छी-खासी जमीन और संपत्ति थी, जिसे वह अपने बेटे अंकुर के लिए संजोकर रखना चाहता था। अंकुर उसका इकलौता बेटा था, जिसकी शादी आठ साल पहले नीलम से हुई थी। नीलम एक सीधी-सादी, धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी, जो अपने परिवार के लिए हर सुख-दुख सहने को तैयार थी।

 

शादी के आठ वर्षों में नीलम ने तीन बेटियों को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश तीनों ही बच्चियां जन्म के वक्त मृत पैदा हुईं। यह लगातार दुख का कारण बन गया। अंकुर और नीलम दोनों मानसिक रूप से टूटने लगे। दिनेश कुमार को चिंता थी कि अगर बेटे का वारिस नहीं हुआ, तो उसकी सारी संपत्ति का कोई उत्तराधिकारी नहीं रहेगा।

 

अध्याय 2: बेटे की चाहत और सामाजिक दबाव

दिनेश कुमार ने बेटे अंकुर को बुलाकर साफ-साफ कह दिया, "अगर इस बार तुम्हारे यहां बेटा नहीं हुआ, तो मैं तुम्हारी दूसरी शादी करवा दूंगा।" यह सुनकर अंकुर परेशान हो गया, क्योंकि संतान का लिंग तो उसके बस में नहीं था। नीलम भी यह सब सुन रही थी। उसे डर सताने लगा कि उसका ससुर उसके पति की दूसरी शादी करवा देगा और उसका स्थान घर में खत्म हो जाएगा।

 

नीलम ने मन ही मन ठान लिया कि इस बार उसे किसी भी तरह बेटा ही चाहिए, चाहे इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े।

 

अध्याय 3: अंधविश्वास की ओर बढ़ता कदम

एक दिन नीलम के पास उसकी पड़ोसन जानवी देवी आई, जो गांव में तीन महीने पहले ही किराए पर रहने आई थी। नीलम ने जानवी से अपनी समस्या साझा की। जानवी ने बताया कि उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था – तीन बेटियों के बाद चौथी बार वह एक तांत्रिक बाबा ओमकार के पास गई थी, और उसके बाद उसे बेटा हुआ।

 

नीलम, जो पहले से ही अंधविश्वास में विश्वास करती थी, जानवी के साथ अगले दिन तांत्रिक ओमकार की कुटिया में पहुंच गई। ओमकार तांत्रिक, जो अकेला ही रहता था, नीलम की सुंदरता देखकर उस पर मोहित हो गया और उसकी नियत खराब हो गई। जानवी पहले से ही ओमकार के साथ मिली हुई थी।

 



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