गाज़ीपुर । प्रदेश सरकार जहां शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए नित नए कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई निजी विद्यालय शिक्षा के नाम पर दुकानदारी कर न केवल नियमों को ताक पर रख रहे हैं, बल्कि विभाग को भारी चूना भी लगा रहे हैं। स्थिति यह है कि जहां स्कूल चलो अभियान के तहत कई कंपोजिट विद्यालय बच्चों से खाली पड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल वाहन संचालन के नाम पर अभिभावकों से भारी-भरकम शुल्क वसूल रहे हैं।
ऐसा ही मामला बिरनो शिक्षा क्षेत्र में बद्दूपुर नहर के पास स्थित न्यू आर.के. कॉन्वेंट स्कूल और आर.के. पब्लिक स्कूल में देखने को मिला है। इन दोनों विद्यालयों के पास न तो खेलने के लिए मैदान है और न ही बच्चों की सुरक्षा के उपयुक्त इंतज़ाम। इसके बावजूद नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक की मान्यता प्राप्त कर ये स्कूल मात्र सटर लगे क्वार्टरों में संचालित हो रहे हैं। यह प्रश्न उठता है कि ऐसी परिस्थितियों में इन्हें मान्यता कैसे मिल गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन बिना सुविधाओं के बच्चों को बैठा कर शिक्षा के नाम पर भारी फीस वसूल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अभिभावकों ने भी चिंता व्यक्त की है।
इस संबंध में बिरनो खण्ड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि दोनों विद्यालय मान्यता प्राप्त हैं, लेकिन यदि किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो जांच कर आवश्यक कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
यह मामला प्रदेश में निजी विद्यालयों की मान्यता प्रक्रिया और निगरानी व्यवस्था पर बड़े प्रश्नचिह्न खड़े करता है। रिपोट - सुजीत कुमार सिंह 151164525

