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सुदामा चरित्र सुनकर भावुक हुए प्रतापगढ़ के श्रोता- (राधेश जी शास्त्री)
  • 151019049 - VISHAL RAWAT 200 4000
    17 Nov 2025 16:17 PM



फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ शहर के (हादीहाल) में अशोक कुमार केशरवानी के सानिध्य में चल रही भागवत कथा में कथावाचक आचार्य राधेश शास्त्री जी ने बताया कि कितनी भी विषम परिस्थिति क्यों न हो भगवत भजन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। श्रद्धा और नि: स्वार्थ पूर्वक की गई साधना कभी व्यर्थ नही जाती है। प्रभु की करुणा भक्त पर जरुर बरसती है। भगवान भाव के भूखे होते हैं। गरीबों, असहायों की मदद करना ही सभी लोगों का उद्देश्य होना चाहिये। कथा व्यास ने सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष सहित बिबिध कथा प्रसंगों का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया। कथा के दौरान कथावाचक ने श्रोताओं से भागवत को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए। कहा कि सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे। और भिक्षा मांगकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते थे। कभी-कभी तो उन्हें अपने परिजनों के साथ भूखे पेट ही सो जाना पड़ता था, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अपना धर्म नही छोड़ा और भगवत भजन करते रहे। पत्नी के बार-बार कहने पर वे अपने बाल सखा द्वारकाधीश के पास गए। अंत में प्रभु ने बिना मांगे ही उन्हें सब कुछ दे दिया। अंत में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्यलोक पहुंचने का वर्णन किया। भागवत कथा का संचालन कर रहे शोभित केसरवानी ने आचार्य राधेश महाराज जी को माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अभिषेक केसरी, अंकुर केसरी, राजू राजकुमार कुसवाहा, शुभम केसरवानी, पुष्कर केसरवानी, पिंटू केसरवानी,मुकेश केसरवानी, पन्नालाल केसरवानी, सहित हजारों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049



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