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श्रीकृष्ण की बाललीलाएं समाज के लिए आदर्श- राधेश जी शास्त्री
  • 151019049 - VISHAL RAWAT 200 4000
    16 Nov 2025 18:18 PM



फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं संपूर्ण मानव समाज के लिए आदर्श हैं। भगवान श्री कृष्ण अपनी लीला से सभी का मन मोह लेते थे। कई जन्मों के पुण्योदय के उपरांत ही मानव को कथा श्रवण का अवसर मिलता है। कथा सुनने से मानव का मन पवित्र और शुध्द होता है। उक्त बातें प्रतापगढ़ शहर के (हादीहाल) अशोक कुमार केशरवानी के सानिध्य में चल रही कथा व्यास आचार्य राधेश शास्त्री ने श्रोताओं के सम्मुख कहीं। उन्होंने कहा कि अपने बाल्यावस्था में भगवान कृष्ण ने अनेक प्रकार की बाल लीलाएं प्रस्तुत की जो मंत्रमुग्ध करने वाली थी। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के साक्षात अवतार थे। आचार्य राधेश जी ने गोपियों के संग की गई लीला, माखन चोरी, मां यशोदा से जिद करने, गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के मान मर्दन को विध्वंस करने की लीला का बहुत ही सुंदर ढंग से वर्णन किया। कथा व्यास ने बताया कि पूत का अर्थ है पवित्र। जो पूत नहीं है वह पूतना है। यशोदा बुद्धि है और नंद जीव। बुद्धि और जीव दोनों ही यदि कृष्ण के साथ रहें तो कोई विपत्ति नहीं आती। वस्तु को देखने वाला जीव है, और भाव को देखने वाला भगवान है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अमित केसरवानी, गयाप्रसाद केसरवानी , प्रह्लाद केसरवानी, रामचंदर केसरवानी, विशाल केसरवानी, जतिन केसरवानी, रीता, रीना, सुनीता, अनुज विश्वकर्मा आदि भक्तों ने कथा व्यास को माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049



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