फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ शहर में अशोक कुमार केशरवानी धर्मपत्नी अंजनी केसरवानी के तत्वावधान में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन अयोध्या धाम के अंतर्राष्ट्रीय कथा ब्यास आचार्य राधेश शास्त्री ने कहा कि कथा सुने बिना अज्ञानता का नाश नहीं होता। भागवत कथा से मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे मनुष्य सत्कर्म करते हुए निर्भय हो जाता है। कथा व्यास ने कहा कि भागवत में लिखा है कि ध्रुव जी मृत्यु के सिर पर पांव रखकर स्वर्ग में गए थे। भागवत श्रवण करने से काल का भय समाप्त हो जाता है। भागवत सुनकर परमात्मा के साथ प्रेम करने पर उसे काल का भय नहीं लगता। जो भागवत का आश्रय लेते हैं वे निर्भय बनकर मृत्यु को अमंगल मानते हैं। परंतु मृत्यु अमंगल नहीं है मृत्यु काल परमात्मा का सेवक है। अतः मंगल भी है। कथा ब्यास ने कहा कि पाप करते समय तो मनुष्य डरता नहीं है, डरता है तब जबकि पापों की सजा भुगतने का समय आता है। जबकि मनुष्य किसी भी दिन ईश्वर का भय नहीं रखता है। इसलिए वह दु:खी होता है। कहा कि परमात्मा का स्वभाव अतिशय सुन्दर है दूसरों के दुख को दूर करने का परमात्मा का स्वभाव है। कथा व्यास ने ध्रुव चरित्र और प्रह्लाद चरित्र की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर सच्चा बाबा आश्रम के महंत मनोज ब्रम्हचारी जी महराज, ओमप्रकाश मिश्रा (विभाग प्रचारक), रेनू केसरवानी, रीता केसरवानी, संगीता केसरवानी, सुनीता केसरवानी, कलावती केसरवानी सहित नगर और गांव क्षेत्र के श्रोतागणों ने भागवत कथा का रसपान किया। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
