यूपी इटावा। शनिवार को इष्टिकापुरी (इटावा) की पावन भूमि ने इतिहास रच दिया। रामलीला मैदान के समीप हिन्दू हॉस्टल प्रांगण में चल रहे 1108 कुंडीय मृत्युंजय मां पीतांबरा महायज्ञ के शुभ अवसर पर निकली भव्य कलश यात्रा में मातृशक्ति का ऐसा अद्वितीय समागम देखने को मिला, जिसने सम्पूर्ण नगर को भक्ति और अध्यात्म की पीतवर्णी आभा से आलोकित कर दिया। पूर्व निर्धारित 51 हज़ार मातृशक्तियों की संख्या को पार करती यह यात्रा अपने आप में एक विश्व-स्तरीय आध्यात्मिक दृश्य बन गई। पीताम्बर वस्त्र धारण किए, मस्तक पर कलश लिए जब हजारों माताएँ, बहनें और बेटियाँ वैदिक मंत्रों व भक्ति गीतों के साथ नगर की गलियों से गुज़रीं, तो इटावा का प्रत्येक कण भक्ति से स्पंदित हो उठा। यात्रा का शुभारंभ यज्ञस्थल पर पूज्य गुरु श्री रामदास जी महाराज ने वैदिक स्वस्तिवाचन और आरती पूजन के साथ किया। इसी के साथ “पीताम्बरा माई की जय”, “हर-हर महादेव” और “यज्ञ भगवान की जय” के जयघोषों से सम्पूर्ण वातावरण गुंजायमान हो उठा। इस अवसर पर सदर विधायक श्रीमती सरिता भदौरिया ने भी पालकी उठाकर यात्रा में सहभागिता की। सबसे आगे वेद भगवान की पालकी और भव्य रथों पर पूज्य संत योगी राकेशनाथ जी ऋषिकेश, पिलुआ धाम के पीठाधीश्वर महंत हरभजन दास महाराज तथा संत शिवम शंभू महाराज शोभायमान रहे, जिनके दर्शन से श्रद्धालु धन्य हुए। यात्रा का मार्ग — रामलीला रोड, भारों वाला चौराहा, सिंधी मार्केट, तहसील चौराहा, बजाजा लाइन, नगर पालिका चौराहा, पक्की सराय, तिकोनिया,नौरंगाबाद, साबितगंज, रामगंज चौराहा, कटरा सेवाकली और तकिया आज़ादगान होते हुए पक्का बाग चौराहा तक — भक्ति, पुष्पवर्षा और शंखनाद से गुंजायमान रहा। नगरवासियों ने घर-घर दीप सजाए, दुकानदारों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और कई स्थानों पर शीतल पेय, जल, फल-मिष्ठान का वितरण किया। देखे इटावा से राजू की रिपोर्ट 151173861




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