वाराणसी, बुधवार। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के चेयरमैन माननीय रवि अग्रवाल आज वाराणसी पहुंचे, जहाँ उन्होंने स्थानीय इनकम टैक्स बार एसोसिएशन, ICAI वाराणसी ब्रांच और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया। यह कार्यक्रम होटल Hilton by Double Tree में आयोजित हुआ।
चेयरमैन श्री अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग अब पारंपरिक प्रणाली से निकलकर टेक्नोलॉजी-ड्रिवन मॉडर्न सिस्टम की ओर बढ़ रहा है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता और करदाताओं के प्रति उत्तरदायित्व को बढ़ाना है। उन्होंने कहा — “सिस्टम कितना भी उन्नत क्यों न हो, सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। हमें एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, न कि दोषारोपण।”
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आयकर अधिनियम 2025 से जुड़े प्रमुख प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की और करदाताओं व कर सलाहकारों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
ओपन फोरम सत्र में चेयरमैन महोदय ने उपस्थित टैक्स प्रोफेशनल्स के प्रश्नों का उत्तर दिया और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में PCCIT (UP East), PCCIT (UP West & उत्तराखंड), DGIT (Investigation), CCIT प्रयागराज, PCIT वाराणसी एवं प्रयागराज सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
इनकम टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से चेयरमैन श्री अग्रवाल का मोमेंटो और अंगवस्त्रम देकर स्वागत किया गया। AIFTP और ITBA प्रतिनिधियों — श्री ओम प्रकाश शुक्ला, श्री आशुतोष भारद्वाज, श्री विजय जैन, श्री अरविंद शुक्ला, श्री असीम जफर, श्री प्रकाश गुप्ता, श्री आशुतोष सिंह, श्री अतनु अधिकारी, और श्री ओम प्रकाश सिंह ने उनसे मुलाकात कर दो प्रमुख मांगें रखीं—
-
वाराणसी में PCIT (Administration, JAO) की नियुक्ति की जाए।
-
Faceless Appeal System को और अधिक व्यावहारिक बनाया जाए।
ICAI वाराणसी ब्रांच से सीए नीरज सिंह (चेयरमैन), विकास द्विवेदी, वैभव मेहरोत्रा, सौरभ शर्मा, शिशिर उपाध्याय, रंजीत पाण्डेय, सतीश जैन, एवं द्विजेन्द्र कुमार सिंह उपस्थित रहे।
श्री रवि अग्रवाल ने अपने संबोधन में वाराणसी से अपने 34 वर्ष पुराने संबंध को याद करते हुए कहा कि “काशी ने मेरे करियर की शुरुआत को दिशा दी थी, और यहां के टैक्स प्रोफेशनल्स की दक्षता देशभर में मिसाल है।”
कार्यक्रम सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ और इसे विभागीय अधिकारियों और कर पेशेवरों के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
