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क्या सिर्फ जनता ही अपराधी है?
  • 151168597 - RAJESH SHIVHARE 5544 33433
    24 Oct 2025 11:23 AM



सड़क व्यवस्था की खामियों पर उठता बड़ा सवाल**

राजेश शिवहरे (151168597) द्वारा उठाए गए सवाल आज हर नागरिक के मन की आवाज हैं। देशभर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी-भरकम जुर्माने तो लागू हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा की आधी जिम्मेदारी उठाने वाला तंत्र—यानी प्रशासन, नगर निगम और सरकार—क्यों जवाबदेह नहीं?

🔴 जनता की गलती? जुर्माना तय!

  • बिना हेलमेट: ₹1000

  • नो पार्किंग: ₹3000

  • बीमा नहीं: ₹1000

  • शराब पीकर वाहन चलाना: ₹10000

  • नो एंट्री उल्लंघन: ₹5000

  • मोबाइल पर बात: ₹2000

  • प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं: ₹1100

  • ट्रिपल सीट: ₹2000

हर गलती पर जनता दोषी… और सजा तय।

⚫ लेकिन सिस्टम की गलती? कोई जिम्मेदारी नहीं!

  • शहर में खराब और बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल

  • सड़क पर गड्ढे, जिनसे रोजाना हादसे

  • नो-पार्किंग ज़ोन तो बना दिए, पर पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था नहीं

  • अतिक्रमित फुटपाथ, जिससे पैदल यात्री सड़क पर चलने को मजबूर

  • सड़कों पर अंधेरा, लाइट के खंभे नदारद

  • आवारा पशु, जो रोजाना दुर्घटनाओं का कारण

  • महीनों से खुदी सड़कें

  • खुला मेनहोल—गिरकर मौत का इंतजाम

इन सबके लिए कौन जिम्मेदार?
कोई नहीं!

⚠️ सिर्फ नागरिक को ही अपराधी क्यों माना जाए?

अगर नागरिक नो-पार्किंग में गाड़ी पार्क करे तो जुर्माना।
लेकिन शहर में पार्किंग ही न बनाना—इसका जिम्मेदार कौन?

अगर नागरिक बिना हेलमेट पकड़ा जाए—दोषी वही है।
लेकिन गड्ढों भरी सड़क में गिरकर मर जाए—जिम्मेदार कोई नहीं!

आवारा जानवर सड़क पर अचानक सामने आ जाएं—जिम्मेदारी किसकी?
किसी की नहीं।

🚨 दोहरा मानदंड क्यों?

प्रशासन जब चाहे नियम लागू कर दे, लेकिन अपनी कमियों पर चुप क्यों रहता है?
क्या सड़क पर पड़े गड्ढों से हुई मौतें अपराध नहीं?
क्या खराब प्लानिंग से हुए हादसे किसी की जिम्मेदारी नहीं?

अब जनता का सवाल—क्या सरकार और प्रशासन को भी जवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिए?

सड़क सुरक्षा सिर्फ जनता की नहीं, सिस्टम की भी जिम्मेदारी है।
अगर जनता कानून तोड़े—जुर्माना सही।
लेकिन अगर सिस्टम कानून निभाने में असफल हो—क्या उसके लिए भी दंड नहीं होना चाहिए?

🚦नागरिक टैक्स देता है, सुविधाएं मांगता है—यह उसका हक है, अपराध नहीं।



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