ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि रविवार दोपहर 1:55 बजे चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी, जो अगले दिन सोमवार 20 अक्टूबर को दोपहर बाद 2:56 बजे तक रहेगी। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी में मेष लग्न रविवार को शाम 5:37 बजे से 7:14 बजे रहेगा। ऐसे में हनुमत जन्मोत्सव व नरक निवारण चतुर्दशी का पर्व रविवार 19 अक्टूबर को ही मनाए जाएंगे। हनुमत जन्मोत्सव के बाद चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में मनाया जाएगा। इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं।
धनतेरस से आरंभ होने वाले दीप ज्योति पर्व श्रृंखला के दूसरे दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद दो घंटा, 24 मिनट के कालखंड में यम के नाम घर के बाहर चतुर्मुखी दीपक जलाने का विधान है। बीएचयू के ज्योतिष विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि परिवार को अकाल मृत्यु की दुर्घटना से बचाने के लिए नरक निवारण चतुर्दशी की रात यम के नाम चतुर्मुखी दीपक जलाने के बाद अगले दिन अमावस्या की प्रात:काल यम तर्पण का विधान करना चाहिए।
धनतेरस के अगले दिन चतुर्दशी को रूप यानी सौंदर्य धन की भी रक्षा का विधान है। इस बार उदयातिथि में चतुर्दशी सोमवार 20 अक्टूबर को मिलेगी, अत: रूप चौदस व यम तर्पण सोमवार को मनाया जाएगा।
