जिसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की मैपिंग होगी, ताकि उस क्षेत्र पर पैनी नजर रखने सहित मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी भी तरह के हथकंडे के इस्तेमाल को रोका जा सके। आयोग ने इसके साथ ही चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की ओर से बांटे जाने वाले उपहारों को लेकर भी एजेंसियों से पैनी नजर रखने के निर्देश दिए है।
ज्ञानेश कु्मार की अगुवाई में हुई बैठक
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में हुई इस बैठक में दोनों चुनाव आयुक्तों के साथ ही 17 केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख मौजूद थे, जबकि बिहार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ऑनलाइन इस बैठक से जुड़े हुए थे। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों से हाल ही में चुनाव में धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए दिए गए निर्देशों पर चर्चा की। साथ ही इसके रोकथाम को लेकर प्लान भी मांगा।
बैठक में इन बातों पर हुई चर्चा
प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों ने पिछले दिनों में की गई कार्रवाई से आयोग को जहां अवगत कराया, वहीं इसके रोकथाम के लिए अपने तैयारी की भी जानकारी दी। बैठक में जिन प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल थे, उनमें सीबीसीटी, ईडी, सीबीआइसी, आइबीए, एनसीबी, आरपीएफ, सीआइएसएफ, बीएसएफ और डाक विभाग आदि थे।
आयोग ने इस दौरान प्रभावी कार्रवाई के लिए सभी एजेंसियों से सूचनाओं के आदान-प्रदान और सहयोग पर जोर दिया। साथ ही राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर सभी एजेंसियों में समन्वय पर भी जोर दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस दौरान सभी एजेंसियों से विशेष सक्रियता दिखाने और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि बिहार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जीरो टालरेंस की नीति सुनिश्चित करने को कहा है। गौरतलब है कि आयोग ने अब तक बिहार से नकदी, उपहार सहित करीब 33 करोड़ कीमत की सामग्री जब्त की है।
