फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया, ग्वालियर। जैसे इस साल मानसून ने अंचल में सात दिन पहले दस्तक दी थी, वैसे ही अब ठंड ने भी समय से पहले अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह-शाम के समय लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है, जबकि रात और दिन दोनों के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस बार दिसंबर और जनवरी माह में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इसकी वजह है ला नीना का प्रभाव — जो प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में असामान्य ठंडक की स्थिति होती है। इसके कारण तेज़ पूर्वी हवाएं चलती हैं और उत्तरी भारत में सर्दी और अधिक बढ़ जाती है।
❄️ अंचल में बढ़ सकती है ठंड की तीव्रता
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्वालियर अंचल मौसम के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। यहां सर्दियों में सर्दी अधिक और गर्मियों में गर्मी ज्यादा पड़ती है। उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं ग्वालियर क्षेत्र तक तेजी से पहुंचती हैं, जिससे यहां का तापमान तेजी से गिरता है। ऐसे में इस बार अंचल में रिकॉर्ड तोड़ ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
🌡️ कितना गिर सकता है तापमान
ग्वालियर अंचल में सर्दियों के दौरान न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा चुका है। हाल के वर्षों में यह 0.4 से 0.5 डिग्री सेल्सियस तक ही गिरा, लेकिन दिसंबर 1961 में तापमान 0.4 डिग्री तक पहुंच गया था। स्थानीय मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह के अनुसार, यदि आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ जैसे सिस्टम सक्रिय नहीं हुए, तो इस बार सर्दी पिछले वर्षों से अधिक तीव्र हो सकती है।
🌙 रात का तापमान लगातार गिर रहा
पिछले चार दिनों से ग्वालियर में रात का तापमान लगातार गिरावट दर्ज कर रहा है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो शुक्रवार के मुकाबले 0.7 डिग्री कम रहा। हालांकि दिन में धूप निकलने से तापमान में मामूली बढ़ोतरी हुई और अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसका प्रभाव खत्म होते ही ग्वालियर अंचल में तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, रविवार को बीते 20 वर्षों में अक्टूबर माह का सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
✍️ रिपोर्ट: राजेश शिवहरे (151168597)
