प्रबुद्ध जनों से संवाद व गाजीपुर के विकास सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक समरसता पर हुई चर्चा
गाजीपुर - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने आज जनपद गाजीपुर के अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सिद्धपीठ हथियाराम मठ में दर्शन पूजन किया । प्रबुद्ध जनों से महत्वपूर्ण संवाद करते हुए, महंत रामाश्रय दास पी जी कालेज भुड़कुड़ा में महंत रामआश्रय दास जी की मूर्ति का अनावरण किया । यह कार्यक्रम गाजीपुर के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को पुनः उजागर करने वाला रहा । इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर आसीन अतिथियों, जनपद के शहीदो (परम वीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद एवं महावीर चक्र विजेता रामउग्रह पाण्डेय) के परिजनो को अंग वस्त्रम एंव स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सिद्धपीठ हथियाराम मठ में विधिवत पूजन अर्चन किया । मठ की अधिष्ठात्री देवी वृद्धम्बिका माता का आशीर्वाद लेते हुए , उन्होंने प्रदेश और जनपद गाजीपुर की सुख.समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की । इस अवसर पर मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उपस्थित आगन्तुको को आशीर्वचन प्रदान किए । सिद्धपीठ हथियाराम मठ गाजीपुर की धार्मिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और यहां का दर्शन पूजन कार्यक्रम अत्यंत गरिमामय रहा । सिद्धपीठ हथियाराम मठ परिसर में आयोजित प्रबुद्ध जनों से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गाजीपुर के विकास, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक समरसता पर विस्तार से अपने विचार रखे । उन्होंने कहा कि गाजीपुर अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए विख्यात है, और यहां के संत. महात्माओं का योगदान समाज को नई दिशा देने वाला रहा है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार गाजीपुर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है , और इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं । उन्होंने प्रबुद्ध जनों से संवाद करते हुए , कहा कि गाजीपुर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और नई पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराना आवश्यक है। उन्होंने मठ और मंदिरों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ये स्थल न केवल आध्यात्मिक शांति के केंद्र हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द के भी प्रतीक हैं । उन्होने कहा कि आज पूज्य भवानी नन्दन यति जी महाराज के सानिध्य मे बुढिया देवी माता का दर्शन का शौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस सिद्ध पीठ पर यहां कि सन्यासी परम्परा के अनुसार 900 वर्षो से पूरे क्षेत्र में एवं पूर्वी उ0 प्र0 में व्यापक आस्था का केन्द्र बनकर लोक मंगल कि कामना लेकर हर श्रद्धालु आता है । और अपनी अपनी भावना के अनुरूप उसका फल प्राप्त होता है। गाजीपुर जनपद वास्तव में समृद्धि परम्परा का पहार है। पूरी दुनिया में अलग-अलग देश की अपनी पहचान है वैसे ही भारत अपनी आध्यत्मिक चेतना के लिए जाना जाता है। और यही कारण है कि त्रेता युग से जनपद गाजीपुर आध्यात्मिक चेतना के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर जागृती का कार्य करता है। त्रेता युम में महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ में राक्षसो का आतंक बढ़ गया था वह केवल कर्म काण्ड नही था बल्कि भारत के अनुसंधान बिन्दु की यज्ञ कार्यशाला थी । अनेक पुज्य संतो की आध्यात्मिक साधना के केन्द्र जनपद गाजीपुर रहा है । और इस जनपद में 900 वर्ष पूर्व यहा पर सन्यासियों की परम्परा प्रारम्भ हुई , इस परम्परा में बहुत ही लम्बी श्रृंखला है। जो पूरे क्षेत्र को अपनी आधात्मिक उर्जा का लाभ देते रहे है। और उसी आधात्मिक परम्परा में आज के महामंण्डलेश्वर भवानी नन्दन यती जी महाराज इस पूरे क्षेत्र में अपने आधात्मिक उर्जा से आलोकित करते हुए , लोक मंगल की कामना के साथ कार्य कर रहें है । जबकि संत लोक कल्याण के लिए समर्पित होता है । जिसका माध्यम अलग हो सकता है , कोई आधात्मिक क्षेत्र में अपनी आध्यात्मिक उर्जा से लोक मंगल की कामना करता है। उसके अनुरूप समाज में जनजागरण अभियान चलाता है और आधात्मिक एवं भौतिक दृष्टि से उन सभी कार्यो को आगे बढाकर राष्ट्र मंगल की कामना में अपना योगदान देता है। यही भारत की सबसे बड़ी पहचान है। दुनिया में भारत की पहचान अपनी आध्यात्मिक तेजना को लेकर है। जब तक भारत का नागरिक अपनी आध्यात्मिक चेतना को ध्यान में रखकर कार्य करेगा फिर उसके उपरान्त भौतिक विकास के कार्यक्रमों को आगे बढ़ायेगा तो उसके परिणाम उतने ही मजबुती के साथ भारत को पुनः विश्वगुरू के रूप में स्थापित करने में मददगार होगा । जब हम किसी कार्य के प्रति संकल्प लेते है , तो थोड़ा धैर्य रखना चाहिए । आज से 7 या 8 वर्ष पहले राम मन्दिर एक सपना था लेकिन पूरे देश का संकल्प था जो कि परिणाम सबके सामने है , गत् वर्ष मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा रामलला की मूर्ति मन्दिर में स्थापित की गयी। यह केवल भारत में ही सम्भव है । अपनी विरासत के प्रति भावना रहनी चाहिए । इसके लिए देश के उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद दिया कि सर्व सहमति से सैकड़ों वर्षो से चली आ रही विवाद को खत्म किया । और अयोध्या एक नई अयोध्या के रूप में भारत को पहचान दे रही है । हर भारतीय के मन में भारतीयता का भाव रहना चाहिए ।
उन्होने कहा कि माहाराज गाजी के पुत्र विश्वामित्र है । वे पहले ऐसे ऋषि है , जिन्होने आतंकवाद को पहचाना था । देश में सर्वाधिक सैनिक देने वाला गॉव जनपद गाजीपुर ही है । ये हमारा राष्ट्रीय दायित्व है , उस दायित्व के लिए हम लोग हमेशा भगवान कृष्ण की वाणी को अपने जीवन का हिस्सा मानते है। सज्जनो का हर हाल में संरक्षण होना चाहिए , विकास के कार्य होना चाहिए , मठ मंदिरों के पूर्णोद्धार का कार्य होना चाहिए , अपने पूज्य सन्तो ऋषि मुनियों की परम्परा को गौरव की पूर्ति करते हुए , उस क्षेत्र के विकास को सरकार योगदान दे सकती है । तो ये हमारा गौरव होता है। संस्कृति, शिक्षा के प्रचार-प्रसार में योगदान देने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। लेकिन साथ-साथ अपराध और माफिया प्रवृत्ति के लिए जिरो टारलेन्स निति के तहत भी कार्य कर रही है। क्योकि यहीं तो भगवान राम और भगवान कृष्ण की शिक्षा है। अच्छा कोई भी करे उसका समर्थन करें और प्रत्यक्ष रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए परिवारवाद, जाति, क्षेत्र, भाषा से उपर से उठकर हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रीयता, को क्षति पहुचाता है तो इसका जबाब देने के लिए समाज को तैयार करना होगा। आज सौभाग्य है कि 900 वर्षो से उच्च आध्यात्मिक विरासत के प्रति हथियाराम मठ का दर्शन करने का सौभाग्य मिला। पीठाधेश्वर भवानीनन्दन यति एवं उनके शिष्यो का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। एवं सभी क्षेत्रवासीयों पर मॉ भगवती की कृपा बनी रहे इसी की कामना की। हथिया राम मठ मे विभिन्न विभागो द्वारा प्रदर्शनी लगायी लगाकर लोगो को सरकार की योजनाओ से लाभान्वित किया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री/प्रभारी मंत्री रविंद्र जयसवाल, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, (एम.एल.सी.) विशाल सिंह "चंचल" , (एम.एल.सी.) विनीत सिंह, राज्यसभा (सांसद) संगीता बलवंत, जिला पंचायत (अध्यक्ष) सपना सिंह, (विधायक) बेदी राम, (जिलाध्यक्ष) ओमप्रकाश राय, बृजेंद्र राय, सानंद सिंह, देवरहा बाबा, सत्यानंद महाराज, भानु प्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, सुनील सिंह, सरोज कुशवाहा, मण्डलायुक्त वाराणसी मण्डल एस राजलिंगम (जिलाधिकारी) अविनाश कुमार, (पुलिस अधीक्षक) ईरज राजा, (मुख्य विकास अधिकारी) संतोष कुमार वैश्य सहित काफी संख्या में लोग रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष यादव ने किया । इस कार्यक्रम समापन के उपरांत हजारों की संख्या में लोगों ने सिद्धपीठ हथियाराम मठ में प्रसाद ग्रहण कर अपने को धन्य हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर क्षेत्र के प्रांत प्रचारक श्रीराम सिंह की वयोवृद्ध माता रुक्मिणी देवी को अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया ।

