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मंत्रोचार के बीच श्रद्धा और भावनाओं से भरा माहौल, पदयात्रा के रूप में निकली अस्थि कलश यात्रा
  • 151173894 - PARMATMA NAND SINGH 0 0
    06 Oct 2025 13:57 PM



फास्ट न्यूज़ इंडिया, मऊ (उत्तर प्रदेश)। मानवता और धर्म की मिसाल पेश करते हुए देवाश्रम संस्था द्वारा संरक्षित 88 लावारिस हिंदू शवों के अस्थि कलशों का गंगा संगम तट, मार्कण्डेय महादेव मंदिर (गाजीपुर) के समीप विधि-विधान के साथ विसर्जन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत मऊ जिला चिकित्सालय स्थित शव गृह के सामने हुई, जहां फूल-मालाओं से सजे अस्थि कलश वाहन का पुरोहित अशोक कुमार मिश्र द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कराया गया। यजमान पी.एन. सिंह के हाथों पूजन संपन्न हुआ। इसके बाद विसर्जन हेतु निकली पदयात्रा को देवाश्रम के प्रधान संरक्षक डॉ. हरिकेश सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना दूबे, भाजपा विधायक प्रत्याशी अशोक सिंह व विजय बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पदयात्रा में जिला संरक्षक डॉ. ओ.पी. सिंह, जिला संयोजक निखिल सिंह बैनर के साथ आगे-आगे चल रहे थे। यात्रा जिला चिकित्सालय परिसर से शुरू होकर गाजीपुर तिराहा, आजमगढ़ मोड़, सहादतपुरा, रोडवेज, डीसीएसके कॉलेज, माधव होटल होते हुए बरपुर मोड़ तक पहुंची। सहादतपुरा में प्रसिद्ध समाजसेवी कृष्णा खंडेलवाल के नेतृत्व में सरला अग्रवाल, सुनीता खंडेलवाल, प्रियंका खंडेलवाल, श्रद्धा खंडेलवाल, इंदिरा खंडेलवाल, उमा अग्रवाल, रेखा वर्मा, अर्चना अग्रवाल, जयप्रकाश खंडेलवाल एवं राजकुमार खंडेलवाल ने अस्थि कलशों पर पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरी यात्रा के दौरान “जय शिव जय शिव” और “राम नाम सत्य है” के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय बना रहा। इस अवसर पर डा. आशुतोष राय, धीरेन्द्र सिंह, सौरभ मद्धेशिया, नरेंद्र सिंह, संजय राय, राजेश सिंह, अभिषेक सेंगर, प्रभाकर सिंह, अवधेश सिंह, धीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। यात्रा के मध्य देवाश्रम के मंडलीय संयोजक धीरेन्द्र सिंह ने हैदरा स्थित अपने यशराज ढाबा पर सभी यात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था की। अंत में यात्रा मार्कण्डेय महादेव मंदिर गाजीपुर के गंगा तट पर पहुंची, जहां दो स्टीमर पर सवार होकर सभी 88 अस्थि कलशों का मंत्रोचार के बीच गंगा संगम में विधिपूर्वक विसर्जन किया गया। बताते चलें कि इसके पूर्व भी देवाश्रम द्वारा 473 लावारिस अस्थि कलशों का विसर्जन इसी स्थल पर किया जा चुका है। संस्था लगातार ऐसे कार्यों के माध्यम से मानवता और सनातन परंपराओं का संरक्षण कर रही है।



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