फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी आजमगढ़। 25 सितम्बर विश्व फार्मेसिस्ट दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष की भांति आजमगढ़ के फार्मेसिस्टों नें इस बार मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ के सभागार में रण विजय सिंह की अध्यक्षता एवं अनिल राय के संचालन में प्रारंभ हुआ एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की बढ़ती हुई समस्या विषयक पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सभा को सम्बोधित करते हुए डी पी ए आजमगढ़ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक सम्राट भारती नें एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए जोर देकर बोले कि एंटीबायोटिक का उपयोग एक निश्चित वैज्ञानिक प्रोटोकाल के तहत सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होने यह बात अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण आजमगढ़ मंडल डॉ वी के सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी आजमगढ़ डा एन आर वर्मा प्रमुख अधीक्षक मंडलीय चिकित्सालय आजमगढ़ डा ओम प्रकाश सिंह के समक्ष बोले जो क्रमशः मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि गण के रूप में मंचासीन थे। सभा का संचालन करते हुए अनिल राय ने जोड़ा कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस समस्या का समाधान एंटीबायोटिक के नियंत्रित और वैज्ञानिक उपयोग से ही संभव है। अपर निदेशक डा. वी के सिंह एवं प्रमुख अधीक्षक डा. ओम प्रकाश सिंह नें जिले के सभी फार्मासिस्टों को विश्व फार्मासिस्ट दिवस की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि चिकित्सा जगत की रीढ़ माने जाने वाले फार्मासिस्टों का योगदान अमूल्य है तथा उनकी उनकी सतर्कता ही स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाती है। मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ डा एन आर वर्मा नें अपनी शुभकामनायें देते हुऐ बोले कि फार्मासिस्ट न केवल दवाओं के विशेषज्ञ हैं बल्कि रोगियों के समग्र देखभाल के साझीदार हैं डी पी ए आजमगढ़ के जिलामंत्री ऋषिदेव मौर्य नें फार्मेसिस्ट दिवस के अवसर पर पधारे समस्त फार्मेसिस्टों चीफ फार्मेसिस्टों सहित समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुऐ आह्वान किये कि फार्मेसिस्ट संवर्ग के लोग मरीजों के प्रति अपने दायित्वों का सजगता से निभाएं तभी विश्व फार्मेसिस्ट दिवस प्रासंगिक हो सकेगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डी पी ए आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष रण विजय सिंह नें सभा में पधारे समस्त अतिथियों सहित फार्मेसिस्ट संवर्ग का सभा में पधारने हेतु सादर अभिवादन व आभार व्यक्त करते हुए मंडलीय चिकित्सालय जिला महिला चिकित्सालय एवं जनपद आजमगढ़ के सभी राजकीय चिकित्सालयों से पधारे समस्त फार्मासिस्टों चीफ फार्मासिस्टों को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की समस्या के समाधान हेतु संकल्प भी दिलाई। देखने वाली बात यह होगी कि विश्व के कुछ अन्य विकसित देशों की भांति भारतवर्ष में भी क्या फार्मासिस्टों को दवावों के डोज़ सहित मरीजों के हित में अन्य दखलअंदाजी का हक मिल सकेगा?विश्व के कुछ देशों में डॉक्टर इज ओन्ली फॉर डायग्नोसिस। वहां मेडिसिन के डोज़ आदि का निर्धारण फार्मेसिस्ट के ही जिम्मे है। परंमात्मा नन्द सिंह 151173894
