अक्तूबर का महीना हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों के लिहाज से बेहद विशेष माना जाता है। यह समय केवल खुशियों और उत्सव का नहीं, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों और आस्था को मजबूत करने का भी है। पंचांग के अनुसार इस महीने में एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण पर्व और व्रत मनाए जाएंगे, जो परिवार और सामाजिक जीवन में उल्लास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे।अक्तूबर की शुरुआत 1 अक्तूबर को महानवमी और 2 अक्तूबर को दशहरा के पर्व से होगी, जिसके बाद शरद पूर्णिमा, करवा चौथ, अहोई अष्टमी, धनतेरस, दिवाली, छठ पूजा आदि कई महत्वपूर्ण त्यौहार इस महीने में होंगे। इन अवसरों पर व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी प्रदान करते हैं। यही कारण है कि अक्तूबर का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है और प्रत्येक परिवार के लिए उल्लास और भक्ति का संदेश लेकर आता है। आइये जानते हैं व्रत त्योहार की पूरी लिस्ट।
अक्तूबर 2025 व्रत त्योहार
- 01 अक्तूबर 2025- महानवमी
- 2 अक्तूबर 2025- दशहरा, विजयादशमी
- 3 अक्तूबर 2025- पापांकुशा एकादशी
- 4 अक्तूबर 2025- शनि प्रदोष व्रत
- 6 अक्तूबर 2025- कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा
- 7 अक्तूबर 2025- वाल्मीकि जयंती, मीराबाई जयंती
- 8 अक्तूबर 2025- कार्तिक माह शुरू
- 10 अक्तूबर 2025- करवा चौथ, संकष्टी चतुर्थी
- 13 अक्तूबर 2025- अहोई अष्टमी
- 17 अक्तूबर 2025- रमा एकादशी, तुला संक्रांति
- 18 अक्तूबर 2025- शनि प्रदोष व्रत, धनतेरस, यम दीपम
- 20 अक्तूबर 2025- नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, दिवाली
- 21 अक्तूबर 2025- कार्तिक अमावस्या
- 22 अक्तूबर 2025- गोवर्धन पूजा
- 23 अक्तूबर 2025- भाई दूज
- 25 अक्तूबर 2025- विनायक चतुर्थी
- 27 अक्तूबर 2025- छठ पूजा
- 31 अक्तूबर 2025- अक्षय नवमी
अक्तूबर माह के ग्रह गोचर
- 02 अक्तूबर 2025- बुध का कन्या राशि में उदय
- 03 अक्तूबर 2025- बुध का तुला राशि में गोचर
- 09 अक्तूबर 2025- शुक्र का कन्या राशि में गोचर
- 17 अक्तूबर 2025- सूर्य का तुला राशि में गोचर
- 19 अक्तूबर 2025- बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर
- 24 अक्तूबर 2025- बुध का वृश्चिक राशि में गोचर
- 27 अक्तूबर 2025- मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर
दशहरा
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और इसी प्रकार मां दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और लोगों में धर्म, साहस और नैतिकता की भावना को जागृत करता है।
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। परंपरा है कि खुले आसमान के नीचे खीर रखने से वह भी अमृत के समान पुण्यदायी और शुभ हो जाती है। यह पर्व स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक लाभ का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली
दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख और बड़े त्योहारों में से एक है। इस साल यह पर्व 21 अक्तूबर को मनाया जाएगा। दिवाली के दिन लोग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं, जिससे जीवन में समृद्धि, सुख और सफलता आती है।
करवा चौथ और वक्रतुण्ड संकष्टी
10 अक्तूबर को करवा चौथ और वक्रतुण्ड संकष्टी का पर्व मनाया जाएगा। करवा चौथ प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। वक्रतुण्ड संकष्टी भी इस दिन विशेष महत्व रखता है।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर
9 अक्तूबर की सुबह 10:38 बजे शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। कन्या राशि में शुक्र नीच की स्थिति में होता है, इसलिए प्रेम और वैवाहिक संबंधों में कुछ चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। आर्थिक रूप से भी खर्च बढ़ने की संभावना है, इसलिए इस समय वित्तीय योजना बनाकर चलना लाभकारी रहेगा।
सूर्य का तुला राशि में गोचर
17 अक्तूबर की दोपहर 1:36 बजे सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेंगे। तुला में सूर्य नीच का माना जाता है, जिससे अहंकार, विवाद या आत्मविश्वास की कमी जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय आत्मनियंत्रण और धैर्य बनाए रखना बेहद जरूरी होगा। नौकरीपेशा लोगों को अपने वरिष्ठों के साथ तालमेल बनाए रखना लाभकारी रहेगा।
बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश
24 अक्तूबर की दोपहर 12:25 बजे बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान लोगों की संवाद शैली गहरी और रहस्यमय होगी। शोध, अनुसंधान और गुप्त विद्या से जुड़े कार्यों में सफलता मिलने की संभावना है।
मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश
27 अक्तूबर की दोपहर 2:43 बजे मंगल अपने स्वगृही वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और यह स्थिति 7 दिसंबर तक बनी रहेगी। यह गोचर ऊर्जा, साहस और पराक्रम को बढ़ावा देगा। हालांकि, इस समय गुस्से और आवेश पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा।