EPaper LogIn
एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।

पवन कल्याण का अलग अंदाज, इमरान हाशमी का काम बढ़िया; बोरिंग है सेकंड हाफ
  • 151000003 - VAISHNAVI DWIVEDI 0 0
    27 Sep 2025 11:44 AM



साउथ के पावर स्टार पवन कल्याण की पिछली फिल्म ‘हरि हर वीर मल्लू’ देखी थी। उसे देखने के बाद ही समझ आया था कि उन्होंने इस फिल्म का प्रचार क्यों नहीं किया। शायद वो पहले ही समझ गए थे कि फिल्म नहीं चलने वाली और हुआ भी वही था। अब आई है उनकी फिल्म ‘दे कॉल हिम ओजी’। आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से पवन फिल्मी इवेंट्स में कम ही नजर आए हैं। हाल ही में उन्होंने खुद इस फिल्म का प्रमोशन भी किया और प्रीमियर पर लंबे समय बाद फिल्मी अंदाज में भी नजर आए। फिल्म को लेकर पवन बेहद कॉन्फिडेंट थे और फैंस ने भी इसका जोरदार स्वागत किया। खैर, हिंदी दर्शकों को यह फिल्म कैसी लगती है? यह तो आना वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल आप पढ़िए ‘दे कॉल हिम ओजी’ का रिव्यू।

 
They Call Him OG hindi movie review of pawan kalyan and emraan hashmi starrer
कहानी
कहानी शुरू होती है 1940 में जापान से जहां यकूजा, समुराई दोजो के यहां रेड मारते हैं और सभी समुराई को मार डालते हैं। सिर्फ एक बच्चा बचता है जिसका नाम है ओजस गंभीरा OG (पवन कल्याण)। ओजस मुंबई जाने वाले एक शिप में छिप जाता है। इसी शिप पर बिजनेस मैन सत्यनारायण उर्फ सत्या दादा (प्रकाश राज) सोना लेकर जा रहे होते हैं। शिप पर ओजी, सत्या दादा को चोरों की गैंग से बचाता है और सबको अपनी तलवार से काट डालता है। सत्या दादा का मकसद बॉम्बे में एक पोर्ट बनाकर लोगों की मदद करना है और इस मकसद को जानकर ओजी हमेशा उनके साथ रहने और उनकी सुरक्षा करने का वादा करता है। कहानी 1993 में पहुंचती है। ओजी पर सत्यादादा के बड़े बेटे की हत्या का आरोप है और वो बीते 15 साल से गायब है। इसी बीच सत्या दादा के पोर्ट से एक कंटेनर गायब हो जाता है। उस कंटेनर में इस्तांबुल में रहने वाले स्मग्लर ओमी भाऊ (इमरान हाशमी) का आरडीएक्स है। ओमी का छोटा भाई जिम्मी कंटेनर की खोज में सत्यादादा के छोटे बेटे को मार देता है। इसके बाद शुरू होता है गैंगवॉर। अब ओजी इतने साल से कहां गायब है? क्या वो सत्यादादा के परिवार को बचाने के लिए फिर लौटेगा ? यह सब तो आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।
 
एक्टिंग
पवन कल्याण इस फिल्म में अपनी बाकी फिल्मों से थोड़े अलग अंदाज में दिखे हैं। फिल्म में पवन के डायलॉग्स कम हैं। डायरेक्टर सुजीत ने उनसे भरपूर एक्शन करवाया है, वो भी शुद्ध तलवारबाजी। एक सीन में जब पवन पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर के मन में डर बैठाते हैं, वहां वो दमदार लगते हैं। वहीं कुछ एक्शन सीन में वो कमजोर लगे हैं। फिल्म शुरू होने के एक घंटे बाद इमरान हाशमी की एंट्री होती है। उनका काम बढ़िया है। इस तरह के रोल वो पहले भी अच्छे से निभाते आए हैं। इमरान फिल्म में आते भी एक धमाके के साथ हैं और जाते भी एक धमाके के साथ है। बाकी कलाकारों में अर्जुन दास, प्रियंका मोहन, सुदेव नायर, प्रकाश राज, उपेंद्र लिमाये और श्रिया रेड्डी का काम ठीक ठाक है। 
 
निर्देशन 
सुजीत ने इस फिल्म से पहले 2019 में प्रभास को लेकर 'साहो' बनाई थी। उन्होंने इस फिल्म में एक्टर लाल और जैकी श्रॉफ का कैमियो करवाया है, वो भी उन्हीं किरदारों में जो ‘साहो’ में थे। अब इससे इतना तो साफ है कि सुजीत आगे चलकर ‘साहो’ और ‘ओजी’ की दुनिया को जोड़कर कुछ न कुछ करने वाले हैं। बहरहाल इस फिल्म की बात करें तो सुजीत ने यहां बस एक चीज अच्छी की है। उन्होंने पवन कल्याण को थोड़े अलग अंदाज में पेश किया है। पवन की स्टाइल ही फैंस को फिल्म की तरफ खींच रही है पर फिल्म में काफी-काफी देर तक आप उनको देखने के लिए भी तरस जाते हैं। कुछ हिस्सों में सुजीत बेहद कमजोर रह गए। फिल्म का सारा रोमांच उन्होंने पहले पार्ट में ही खत्म कर दिया। सेकंड हाफ में उन्होंने दर्शकों को सिर्फ हीरो को बदला लेते हुए दिखाया है। आखिरी के डेढ़ घंटे में फिल्म को झेलना मुश्किल हो जाता है। जहां लगता है कि अब खत्म होने वाली हैं। वहीं एक नई कहानी जुड़कर फिल्म को और उलझा देती है। 
 
क्या है खूबी
कुछ एक्शन सीन अच्छे बन पड़े हैं पर हैं वो भी साउथ के ही लेवल के, जिन पर यकीन करना मुश्किल होता है। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। कहानी भी अच्छी है। 

कमजोर कड़ी
कुछ एक्शन सीन और कहीं-कहीं वीएफएक्स बेहद ही कमजोर है। फिल्म को एडिटिंग टेबल पर थोड़ा छोटा किया जा सकता था। इतने ज्यादा किरदार लाकर दर्शकों को कन्फ्यूज न करते तो ठीक था। अच्छी कहानी पर स्क्रीनप्ले खींचा हुआ है।

देखें या नहीं
साउथ की फिल्मों के जबरा फैन हैं तो जरूर देखें। एक्शन और खून खराबा देखना चाहते हैं तो बिल्कुल जाएं। वास्तविक्ता से परे एक्शन सीन नहीं देख पाते तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है। फिल्म कोई संदेश हीं देती। टाइमपास के लिए एक बार देखी जा सकती है।


Subscriber

188160

No. of Visitors

FastMail