
विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की। इस दौरान जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय अशांत है, कई देश युद्ध में उलझे हुए हैं ऐसे में ब्रिक्स को शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने के लिए मजबूती से काम करना होगा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बढ़ते संरक्षणवाद, टैरिफ अस्थिरता और गैर-टैरिफ बाधाओं के कारण व्यापार पर पड़ रहे असर पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा की आवश्यकता है विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में वैश्विक चुनौतियों और बहुपक्षीय सहयोग की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में संगठन शांति, सतत विकास और वैश्विक व्यापार प्रणाली की रक्षा पर केंद्रित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास को डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन, स्टार्टअप, नवाचार और मजबूत विकास साझेदारी के माध्यम से बढ़ावा देना, जैसे मुद्दों पर भी काम करेंगे।
मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी की बैठक
वहीं, इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान बैठक की। भारत में रूसी दूतावास ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
जयशंकर का जी-4 देशों के साथ सुरक्षा परिषद में सुधारों पर जोर
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में जापान, जर्मनी और ब्राजील के अपने समकक्षों से बातचीत की। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए चारों देशों ने अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद के विस्तार पर जोर दिया और चल रही अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) प्रक्रिया का आकलन भी किया। भारत के विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, आज न्यूयॉर्क में अपने सहयोगियों ताकेशी इवाया, जोहान वेडफुल और मौरो विएरा के साथ जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होकर प्रसन्नता हुई। जी-4 ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसने अंतर-सरकारी वार्ता प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति का भी आकलन किया। इससे पहले जयशंकर ने महासभा के 80वें सत्र और जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर कई द्विपक्षीय बैठकों में खासकर हिस्सा लिया।
इटली का भारत-ईयू में एफटीए को समर्थन
इटली के उप-प्रधानमंत्री एंटोनियो तजानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई। तजानी ने इस मुलाकात को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वह आगामी महीनों में भारत का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, भारत-इटली के बीच रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी है जिसे हम और मजबूत करने का इरादा की। उन्होंने भारत को एक प्राथमिकता वाला देश बताते हुए कहा, मैं अपनी निर्यातक कंपनियों को समर्थन देने के लिए 50 करोड़ यूरो की सहायता चाहता था। उन्होंने एफटीए को शीघ्र अंतिम रूप देने के लिए इटली के समर्थन की पुष्टि की।
विजन 2035 से संबंधित गतिविधियों पर बातचीत
जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री यवेट कूपर से उनकी नई जिम्मेदारी पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कूपर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया सफल यात्रा पर विजन 2035 की घोषणा के बाद की गतिविधियों पर चर्चा की। जयशंकर ने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती के साथ भी गर्मजोशी भरी बातचीत की और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री सीनेटर वोंग के साथ द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर वार्ता की।