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टेक ऑफ और लैंडिंग के समय क्यों खुलवाए जाते हैं फ्लाइट की खिड़कियों के शेड?
  • 151168597 - RAJESH SHIVHARE 0 0
    25 Sep 2025 18:20 PM



अगर आपने कभी हवाई जहाज से सफर किया है, तो आपने नोटिस किया होगा कि टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान फ्लाइट अटेंडेंट्स यात्रियों से खिड़की के शेड खोलने को कहते हैं। कई लोग इसे सामान्य प्रक्रिया मानकर मान जाते हैं, तो कई सोचते हैं कि शायद यात्रियों को बाहर का नजारा दिखाने के लिए ऐसा कहा जाता है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। यह कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि एक बेहद जरूरी सेफ्टी प्रोटोकॉल है, जिसके पीछे कई अहम कारण छिपे होते हैं। आइए जानते हैं वजह–

 सुरक्षा की सबसे बड़ी वजह

टेक ऑफ और लैंडिंग को उड़ान का सबसे जोखिम भरा समय माना जाता है। ऐसे में अगर विमान को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़े या तुरंत निकासी करानी पड़े, तो हर सेकंड बेहद कीमती होता है। खुले शेड्स इस प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।

 बाहरी स्थिति का अंदाजा

खिड़कियों के शेड खुले होने से यात्री और क्रू तुरंत बाहर की स्थिति देख सकते हैं।

  • बाहर आग लगी है या नहीं

  • मौसम की स्थिति कैसी है

  • कौन सा रास्ता सुरक्षित है

इन सब बातों का अंदाजा जल्दी लगाया जा सकता है। इससे क्रू को तुरंत और सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।

 रेस्क्यू टीम के लिए सुविधा

अगर विमान में कोई गड़बड़ी या हादसा हो जाए, तो बाहर से आने वाली रेस्क्यू टीम भी खिड़कियों से अंदर की स्थिति का अंदाजा लगा सकती है।
वे आसानी से देख पाते हैं कि धुआं है या आग, यात्री किस हाल में हैं और किस दिशा से बचाव करना आसान होगा।

 सतर्क रहने में मदद

खिड़की से बाहर देखते रहने से यात्री और फ्लाइट अटेंडेंट्स किसी भी असामान्य गतिविधि को नोटिस कर सकते हैं।
जैसे–

  • इंजन से धुआं निकलना

  • पंखों पर बर्फ जमना

  • कोई तकनीकी गड़बड़ी

कई बार यात्री ही ऐसी दिक्कतों को सबसे पहले पकड़ लेते हैं और तुरंत क्रू को सूचित कर देते हैं।

 नतीजा

इसलिए अगली बार जब फ्लाइट अटेंडेंट आपसे खिड़की का शेड खोलने को कहे, तो इसे केवल औपचारिकता न समझें।
यह छोटा-सा नियम दशकों के अनुभव और रिसर्च पर आधारित है, जो किसी भी आपात स्थिति में आपकी और दूसरों की जान बचाने में अहम साबित हो सकता है।

राजेश शिवहरे 151168597 



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