बिहार गया। चुनाव 2025 की तैयारी जारी, लेकिन अभी तक आचार संहिता लागू नहीं हुई है।
➡️ प्रशासन द्वारा स्थानीय जनता को जगह-जगह परेशान किया जा रहा है, जिससे आम लोग ही नहीं, बल्कि नेता भी असहज स्थिति में हैं।
राजनीतिक दलों के बीच अभी तक सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
इस वजह से कई नेता जनता के बीच अपनी पहचान बनाने में जुटे हुए हैं।
लेकिन उभरा है एक नया चेहरा – दीपक कुमार
उम्र: सिर्फ 25 साल एक गरीब मजदूर परिवार का बेटा, लेकिन जनता के दिलों की आवाज़ बन चुके हैं।
दीपक के समर्थकों की मांग – "हमें लोकल चाहिए, वोकल नहीं!"
“ईमानदारी की परिभाषा है दीपक कुमार।
टेकारी की जनता को चाहिए ज़मीन से जुड़ा, सच्चा प्रतिनिधि।”
दीपक को बताया जा रहा है 'आंधी'
टेकारी की माताएं और आमजन, दीपक कुमार को बता रही हैं एक आंधी,
जो 2025 के चुनाव में भारी मतों से जीत दिला सकती है।
📝 नोट: जब जनता की आवाज़ खुद बन जाती है कोई उम्मीदवार,
तो चुनाव सिर्फ जीत-हार नहीं, बल्कि विश्वास और बदलाव का प्रतीक बन जाता है। देखे टेकारी से अजय सिंह की रिपोट 151172480

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