मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रौन विकासखंड के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल जैतपुरामड़ी में रिपेयरिंग और पुताई के नाम पर भारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, बहुत ही घटिया क्वालिटी का डिस्टेंपर लगाया जा रहा है, और छत की मरम्मत में रेत की जगह जिरा और हल्की क्वालिटी की सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि छत की न तो जंग छुड़ाई गई और न ही किसी प्रकार की सफाई, बस सीधे ही उस पर कमजोर मसाले का प्लास्टर चढ़ा दिया गया है। इससे यह खतरा बना हुआ है कि छत कभी भी पपड़ी बनकर गिर सकती है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बिल की बात करें तो रिपेयरिंग और पुताई का बिल सवा लाख रुपये से ऊपर बताया गया है, जो कि कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए जरूरत से कहीं ज्यादा प्रतीत होता है।
जब इस मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक से डिस्टेंपर और रिपेयरिंग क्वालिटी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और किसी भी स्पष्ट जवाब से बचते नजर आए।
स्कूल में खेल सामग्री की स्थिति भी चिंताजनक है। जब खेलते हुए बच्चों से बातचीत की गई, तो उन्होंने साफ कहा कि कोई भी खेल सामग्री स्कूल द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाती, वे खुद अपने घर से बल्ला-बॉल लाते हैं।
स्कूल में न तो खेल का मैदान साफ है, और न ही वहां कोई साफ-सफाई या रख-रखाव की व्यवस्था दिखी। बच्चे गंदगी में खेलने को मजबूर हैं।
शौचालयों की स्थिति भी खराब
इस भारी-भरकम मरम्मत बजट का कोई हिस्सा शौचालयों की मरम्मत में लगाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्कूल की सुविधाएं बदहाल हैं, लेकिन प्रिंसिपल की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। देखे राजेश शिवहरे की रिपोट 151168597
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