यूपी के बदायूं जिले के तहसील बिसौली के अंतर्गत आने वाले गांव पुरोहित खेड़ा से एक अद्भुत और आस्था से जुड़ी खबर सामने आई है।
गांव की रहने वाली 15 से 17 वर्ष की किशोरी अर्चना यादव, लोगों की जनसमस्याओं का समाधान कर रही हैं और साथ ही गांव के पुराने मंदिर ‘गंबा देव माता मंदिर’ पर वर्षों से शिवा (सेवा) करती आ रही हैं।
अर्चना का कहना है कि उन्होंने माता की प्रेरणा से सात दिन और पांच दिन की समाधि ली है।
समाधि के दौरान उन्होंने अन्न, जल या किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नहीं किया।
उनका दावा है कि समाधि के समय उन्हें माता के दर्शन और आदेश प्राप्त होते हैं।
अर्चना का कहना है कि माता ने उनसे नया मंदिर बनवाने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह मांग जब अपने घरवालों के सामने रखी, तो परिवार ने मंदिर बनवाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद, अर्चना ने बताया कि
“माता ने नाराज़ होकर मुझे मानसिक रूप से परेशान कर दिया। जब तक नया मंदिर नहीं बनता, मेरा पागलपन पूरी तरह ठीक नहीं होगा – ये माता का आदेश है।”
गांव के लोग अर्चना को अब "माता की सेविका" मानकर उनकी बातों को गंभीरता से ले रहे हैं।
लोग अपनी समस्याएं लेकर अर्चना के पास पहुंचते हैं, और कई ग्रामीणों का मानना है कि
“उनकी बातों में सच्चाई और शक्ति दोनों है। और अब देखिए ये विशेष रिपोर्ट – हमारे संवाददाता शिव ओम की जुबानी, सिर्फ फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया पर
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