वाराणसी। राजातालाब तहसील में शुक्रवार की दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। तहसील परिसर में बुजुर्ग ने खुद को आग लगाई और चारों ओर वह दौड़ने लगे तो परिसर में हड़कंप मच गया। आनन फानन पुलिसकर्मी ने कपड़ा-मिट्टी डालकर आग बुझाया और बुजुर्ग को सीएचसी ले जाया गया। इसके बाद एसडीएम ने उनको बीएचयू में भर्ती कराया है। वाराणसी में जमीन का केस हारने के बाद बुजुर्ग ने तहसील परिसर में खुद को आग लगा ली तो परिसर में बुरी तरह हड़कंप की स्थिति हो गई। शुक्रवार की दोपहर बुजुर्ग तहसील में अपने बैग में बोतल में पेट्रोल लेकर पहुंचा था। इस दौरान अचानक उसने खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया। इसके बाद वहां हड़कंप मच गया और आग लगाकर बुजुर्ग के परिसर में भागने की वजह से भगदड़ की स्थिति हो गई।
मौके पर मौजूद वकील और पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक उसने माचिस जलाकर खुद को आग के हवाले कर दिया। आग लगने के बाद वह चिल्लाते हुए इधर-उधर दौड़ने लगा तो हड़कंप मच गया। वहां मौके पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों और वकीलों ने कपड़ा और मिट्टी डालकर किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक बुजुर्ग 50 फीसदी जल चुका था। पुलिस ने बुजुर्ग को तत्काल सीएचसी में भर्ती कराया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वशिष्ठ नारायण गौड़ मिर्जामुराद के जोगापुर के रहने वाले हैं। उनकी 122 बीघा जमीन को लेकर पड़ोसी अरविंद बाबू से विवाद चल रहा है। इस संबंध में तहसील में मुकदमा चल रहा था, लेकिन कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद उन्होंने डीएम के यहां अपील की थी लेकिन डीएम ने उनकी अपील निरस्त कर दी। इसके बाद बुजुर्ग शुक्रवार को व्यथित होकर तहसील पहुंचे और खुद को आग के हवाले कर लिया। डाक्टरों के अनुसार बुजुर्ग की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
राजातालाब तहसील परिसर में बुजुर्ग द्वारा खुद पर आग लगाए जाने के प्रकरण में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बिपिन कुमार ने बताया कि आराजी नम्बर 529 रकबा 0.036 हे. नवीन परती पर वशिष्ठ नारायन पुत्र स्व. रामअधार, निवासी-ग्राम जोगापुर, परगना कसवार राजा, तहसील राजातालाब, जिला वाराणसी का अवैध अध्यासन होने की दशा में उ.प्र.रा.सं. 2006 की धारा 67 के अन्तर्गत वाद योजित कर नोटिस जारी किया गया था। सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए बेदखली का आदेश दिनांक 17.05.2025 को पारित किया गया है। इस प्रकार इन्हें ऊपरी अदालत एवं सक्षम स्तर पर सुनवाई हेतु भी भरपूर अवसर दिया गया था।
