वाराणसी। भाजपा की ओर से जारी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के एजेंडे में वाराणसी में मेट्रो का संचालन भी था। अब एक बार फिर से वाराणसी में मेट्रो परियोजना को शुरू करने की सुगबुगाहट ने दस्तक दी है। अगर परियोजना शुरू होती है तो शहर में यातायात को काफी हद तक काबू में किया जा सकता है। वाराणसी में मेट्रो के संचालन को लेकर सुगबुगाहट के बीच एक्स के एआइ प्लेटफार्म ग्रोक ने एक यूजर के सवाल के जवाब में बताया है कि वाराणसी मेट्रो के प्रस्तावित प्लान में 26 स्टेशन हैं, दो कारिडोर भी हैं। भेल से बीएचयु (17 स्टेशन) और बेनियाबाग से सारनाथ (9 स्टेशन) हैं। मुख्य स्टेशन: भेल, तरना, शिवपुर, गिलट बाज़ार,वाराणसी जक्सन, काशी विश्वनाथ , बीएचयु, सारनाथ आदि। हालांकि सर्वे के बाद स्टेशन फाइनल होंगे। अधिक जानकारी के लिए UPMRC से चेक करें।
वाराणसी में सबसे पहले मेट्रो का ही कुछ वर्ष पूर्व सर्वे हुआ था। मेट्रो के सर्वे में कुछ आपत्तियों को लेकर परियोजना भले ही ठंडे बस्ते में जा पहुंची हो लेकिन फिलहाल शहरी क्षेत्र में रोपवे की परियोजना शुरू होने जा रही है। रोपवे का काम लगभग पूरा हो चुका है और ट्रायल का अंतिम दौर चल रहा है उम्मीद है कि यह जल्द ही आम जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इसके एक और स्टेशन का काम हो जाए तो कैंट रेलवे स्टेशन से घाट तक की कनेक्टिविटी सहज हो जाएगी।
भाजपा की ओर से संकल्प पत्र में काशी में मेट्रो परियोजना को भी साकार करने की बात कही गई थी। अब वाराणसी में भाजपा के पक्ष में स्पष्ट जनादेश और आठों सीटों पर भाजपा की जीत के साथ ही पूर्वांचल में वाराणसी शहर को मेट्रो रेल से आच्छादित करने की संभावनाओं ने भी जोर पकड़ा है। अगले पांच सालों में वाराणसी में मेट्रो बनने की उम्मीदों को भाजपा की घोषणा से बल मिला है।
इस लिहाज से शहर में बेहतर कनेक्टिविटी मिलना तय माना जा रहा है। पूर्व में वाराणसी में मेट्रो होने से लागत अधिक और मुनाफा कम होने का डीपीआर बनने के बाद से मेट्रो परियोजना ठंडे बस्ते में चल रही थी। हालांकि प्रयासों को पर मिला तो एक बार फिर से रोपवे के बाद बनारस को मेट्रो की परियोजना मिल सकती है।
