9_साल_बाद_मिलन : भरतपुर के अपना घर आश्रम में रह रही तारा नामक महिला के जीवन में यह खुशी 9 साल बाद लौटी, जब आश्रम की मदद से वह अपने परिवार से दोबारा मिल पाई।
राजस्थान भरतपुर । प्राप्त जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ के नौरंगपुर जिला निवासी तारा करीब 9 साल पहले अपने परिवार के साथ गांव में लगे मेले में गई थी तथा उस समय वह गर्भवती और मानसिक रूप से अस्वस्थ भी थी। मेला घूमते-घूमते तारा अपने परिजनों से बिछड़ गई और गलती से गलत ट्रेन में चढ़ गई। गत 27 मार्च 2016 को वह हिंडौन की सदर थाना पुलिस को मिली, जिसके बाद उसे भरतपुर के अपना घर आश्रम भेज दिया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार अपना घर आश्रम में रहते हुए तारा ने 2 महीने बाद एक बेटे को जन्म दिया। आश्रम द्वारा बच्चे का नाम हर्ष रखा गया तथा मां-बेटे के इलाज और देखभाल के चलते तारा की मानसिक स्थिति धीरे-धीरे सुधरने पर उसने अपने घर का पता बताया। तारा के परिजनों से संपर्क करने के बाद उसका बड़ा बेटा अरिन पात्रे, भाई अर्जुन सिंह और दामाद रामु कुमार अपनाघर आश्रम पहुंचे।
परिजनों ने बताया कि तारा के गुम होने के बाद उन्होंने काफी तलाश की गई थी लेकिन उसका पता नहीं चल सका था। तारा के पति ने दूसरी शादी कर ली और अब अपनी नई पत्नी के साथ पुणे में रहता है। बड़ा बेटा अरिन, जो उस समय मात्र 9 साल का था के द्वारा अपने तीनों बहनों की परवरिश करने सहित खेती व मजदूरी कर सबका पालन-पोषण किया गया। अब अरिन की शादी भी हो चुकी है और उसका एक बच्चा भी है। देखिए राजस्थान से आकाश शर्मा रुदावल की खास रिपोर्ट 151186544
20250822085746243360613.mp4
