सभी के थे अलग-अलग नाम
काल सेंटर में काम करने वालों को सबसे पहले एक छद्म नाम दिया जाता था। इस नाम का ही इस्तेमाल करके गिरोह का सदस्य लोगों के बातचीत करता था। इसके साथ ही सभी को टारगेट दिया जाता था। काल करने या ठगी से हासिल रुपये मंगाने के लिए फर्जी तरीके से हासिल मोबाइल सिम व बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था।
साइबर ठगों के पास यह हुआ बरामद
पकड़े गए साइबर ठगों के पास से 12 लैपटाप, एक टैब, 54 मोबाइल फोन, छह आधार कार्ड, 15 डेबिट, क्रेडिट कार्ड, 15 चेकबुक, 13 पासबुक, चार लेटर पैड बरामद हुए।
51 पुलिसकर्मियों की टीम लगातार करती रही काम
साइबर ठगों की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी क्राइम सवरणन टी के निर्देश में एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना व एसीपी चेतगंज डा. ईशान सोनी के नेतृत्व में 51 पुलिसकर्मियों की टीम एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार काम कर रही थी। बीते बुधवार की दोपहर में दोनों काल सेंटर में छापेमारी करके हुए पुलिस ने 29 साइबर ठगों को गिरफ्तरा किया। देर रात तक उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाती रही। साइबर ठगो के गिरोह को गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र के लिए अधिकारी अनुमोदन करेंगे।
ठगी के 27 मामले आए सामने
वाराणसी में पकड़े गए साइबर ठगों के खिलाफ 27 मामले नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में 31.33 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस इनके द्वारा ठगी के और मामलों की जानकारी जुटा रही है। ठगी के मामले और रकम काफी ज्यादा होने की आशंका है।