वाराणसी। विधि विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हर घर तिरंगा एवं 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 'नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों एवं लैंगिक समानता की चुनौतियां' विषयक संगोष्ठी आयोजित हुई। विशिष्ट वक्ता समाज कार्य विभाग, ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के प्रो. अजय कुमार त्रिवेदी ने कहा कि हम स्वतंत्रता दिवस की 79वें वर्ष में प्रवेश कर गये हैं, लेकिन नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर संकट बना हुआ है। विशिष्ट वक्ता राजनीति विज्ञान विभाग, वी.के.एम., कमच्छा, वाराणसी के डाॅ. आशीष कुमार सोनकर ने कहा कि संवैधानिक अधिकार मूलतः मौलिक अधिकार ही है। यह अधिकार हम सभी भारतवासियों को सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक आजादी देता है, लेकिन इसके बावजूद भी समाज में लैंगिग असमानता विद्यमान है, जो भारतीय समाज के लिए अभिशाप है। समाजकार्य विभाग, काशी विद्यापीठ के प्रो. संजय ने लैंगिक असमानता के ऐतिहासिक परिदृश्यों को बताते हुए भारत में इसके विभत्स स्वरूप की चर्चा की। स्वागत विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार तथा डाॅ. शिल्पी गुप्ता ने किया। संचालन डाॅ. मेराज हाशमी एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. हंसराज ने किया।
