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काशी में साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़, सिम बेचने के आरोप में चार गिरफ्तार
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    17 Aug 2025 18:57 PM



वाराणसी। सीधे-सादे लोगों को गुमराह कर उनके परिचयपत्र पर सिम लेकर साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह के चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नाटी इमली के पास से पकड़े गए चारो बदमाश कूरियर व बसों से सिम दिल्ली-एनसीआर में साइबर बदमाशों तक भेजते थे। गिरफ्तार बदमाशों में दो वोडा कंपनी के एजेंट हैं, जबकि दो एजेंटों से सिम खरीद उसे बेचते थे। छापेमारी में 71 सिम, एक बाइयोमीट्रिक मशीन, चार एंड्रायड मोबाइल, 18 हजार 490 रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस ने एजेंटों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए कंपनी को रिपोर्ट भेजी है। डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने साइबर सेल व लालपुर पांडेयपुर पुलिस टीम की पीठ थपथपाई है।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर अपराध की घटनाओं के एनालिसिस में पता चला कि एक ही व्यक्ति के एकाउंट से 10 सिम बेचे गए हैं। थाना कोतवाली अंतर्गत हरतीरथ निवासी अरुण त्रिपाठी से पूछताछ की गई तो जैतपुरा के कटेहर पीलीकोठी निवासी नेयाज अहमद हत्थे चढ़ा। जिसके बाद ग्राम- तितिरा कुडीयारी थाना तरवा, जिला आजमगढ़ (हाल पता पांडेयपुर) सुनील यादव व नई बस्ती पांडेयपुर का शुभम अग्रहरी धराया।  पूछताछ में बदमाशों ने बड़ी संख्या में सिम बेचने की बात कुबूली है। बताया कि सामान्य सिम सौ से 150 रुपये में बेचे जाते हैं, जबकि साइबर बदमाश दो से ढाई हजार में खरीदते लेते। पुलिस टीम ने आरोपितों का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी जेल पहुंच गए।

इस तरह सिम लेने वाले ग्राहकों को फंसाते

सिम आजकल दो तरह से जारी होते हैं। पहला ई-केवाइसी (इलेक्ट्रानिक तरह से अपने ग्राहक को जानें) दूसरा डी-केवाइसी (डाक्यूमेंट के जरिए अपने ग्राहक को जानें)। ई-केवाइसी में फिंगर प्रिंट से ही आधार कार्ड, नाम आदि का सत्यापन हो जाता है। गिरोह से जुड़े बदमाश सिम लेने पहुंचे व्यक्ति का पहले ई-केवाइसी करते हैं, लेकिन बाद में सरवर न चलने का बहाना बनाकर डक्यूमेंट्स मांग लेते हैं। डाक्यूमेंट के जरिए एक सिम ग्राहक को देते है, बाद में ई-केवाइसी के जरिए दूसरा सिम जेनरेट कर साइबर बदमाशों तक पहुंचा देते हैं।

रडार पर कई बैंककर्मी, जल्द कसेगा कानून का शिकंजा

गिरफ्तार बदमाशों द्वारा उपलब्ध कराए गए सिम से साइबर अपराधियों के बैंक खाते खोलने के भी इनपुट मिले हैं। जिसके बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। कुछ बैंककर्मी रडार पर आए हैं। हालांकि, जांच पूर्ण करने से पूर्व पुलिस किसी पर हाथ नहीं डालना चाह रही। पुलिस टीम में साइबर सेल टीम के प्रभारी मनोज कुमार तिवारी, इंस्पेक्टर लालपुर पांडेयपुर राजीव कुमार सिंह, दारोगा अजय कुमार पांडेया, धीरेंद्र कुमार तिवारी, हरिकेष यादव, हेंड कांस्टेबल हेड कांंस्टेबल शिव कुमार प्रसाद, कृष्ण कुमार जायसवाल, कांस्टेबल अमरेश यादव, विराट सिंह, आदर्श आनंद सिंह, शिव बाबू, अंकित गुप्ता, रोहित तिवारी, रविश राय, अखिलेश सोनकर शामिल रहे।

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