अगर आप एक कॉफी लवर हैं तो आपने कोपी लुवाक का नाम तो जरूर सुना होगा। अगर नहीं तो बता दें कि यह दुनिया की सबसे महंगी कॉफी (World’s Most Expensive Coffee) मानी जाती है। जी हां इस कॉफी की कीमत सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। आइए जानें इसकी कीमत क्या है और क्यों यह कॉफी इतनी खास मानी जाती है।
नई दिल्ली। कॉफी दुनियाभर में सबसे ज्यादा पी जाने वाली ड्रिंक्स में से एक है। दुनिया के हर कोने में आपको कॉफी लवर्स जरूर मिल जाएंगे, जिनके दिन की शुरुआत कॉफी के बिना होती ही नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी कॉफी (World's Most Expensive Coffee) कौन-सी है? और यकीन मानिए कि जितने हैरान आप इसकी कीमत जानकर होंगे, उससे भी ज्यादा होश उड़ाने वाला इस कॉफी (Luxury Coffee Beans) को बनाने का तरीका है। अगर आप भी जानना चाहते है कि दुनिया की सबसे महंगी कॉफी कौन-सी है और इसे कैसे बनाया जाता है
दुनिया की सबसे महंगी कॉफी की कीमत क्या है?
दुनिया की सबसे महंगी कॉफी कोपी लुवाक (Kopi Luwak Coffee) है। अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं, तो आपने इसका नाम तो जरूर सुना होगा। इसे ‘दुनिया की सबसे महंगी कॉफी’ माना जाता है, जिसकी कीमत 100 अमेरिकी डॉलर से लेकर 1300 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक जा सकती है। ये कॉफी इतनी महंगी क्यों है, इसके पीछे एक बड़ा ही खास कारण है और वो है इसे बनाने का तरीका।
कोपी लुवाक क्यों है इतनी महंगी?
कोपी लुवाक इंडोनेशिया की एक दुर्लभ कॉफी है, जिसे जंगली पाम सिवेट (Asian Palm Civet) नाम के एक छोटे बिल्ली जैसे जानवर की मदद से तैयार किया जाता है। यह जानवर कॉफी के पके हुए चेरी को खाता है। फिर एक-दो दिन बाद ये बीन्स मल के जरिए बाहर निकलते हैं। इसके बाद इन बीन्स को इकट्ठा किया जाता है और अच्छी तरह धोकर सुखाया जाता है और फिर भूनकर पीसा जाता है। इस तरह बनती है कोपी लुवाक। ऐसा माना जाता है कि इसके पाचन तंत्र में मौजूद एंजाइम्स कॉफी बीन्स के स्वाद और सुगंध को बदल देते हैं, जिससे इस कॉफी का स्वाद कम कड़वा हो जाता है और कॉफी स्मूद भी हो जाती है।
क्योंकि इन कॉफी बीन्स को जंगलों से चुनकर फिर प्रोसेस किया जाता है। इसलिए इसकी मात्रा काफी सीमित होती है। हालांकि, इसकी मांग बढ़ने के कारण कई फार्म्स में सिवेट्स को कैद करके रखा जाता है, जहां इन्हें सिर्फ कॉफी बेरीज खिलाई जाती हैं, ताकि कोपी लुवाक को ज्यादा मात्रा में बनाया जा सके। इससे सिवेट्स का नेचुरल हैबिटाट और सेहत काफी प्रभावित होती है, जिस बारे में चर्चा होनी काफी जरूरी है।
