अमलतास विश्वविद्यालय द्वारा मंगलवार को कारगिल विजय दिवस बड़े हर्षोल्लास एवं देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों, प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और देश की सेवा में बलिदान देने वाले जवानों के योगदान को याद करते हुए कहा कि, कारगिल युद्ध हमारे सैनिकों की वीरता और देशभक्ति का प्रतीक है। हमें उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। भारत सरकार द्वारा निर्धारित शेड्यूल के अंतर्गत यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा निर्देशित गतिविधियों की श्रृंखला का हिस्सा था। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति गीत, नाटक एवं भाषण प्रस्तुत किए गए, जिनमें सैनिकों के त्याग और साहस का वर्णन किया गया। कार्यक्रम के अंत में आभार अमलतास विश्व विद्यालय के रजिस्टार संजय रामबोले ने किया एवं इस आयोजन मे कॉलेज के डीन डॉ. ए. के. पीठवा ,डॉ आस्था नागर डीन मैनेजमेंट, डॉ रोशन लाल कहर उप कुलसचिव , डॉ योगेंद्र सिंह भदौरिया ,उदयवीर सिंह, हर्षित राठौर, कांतिलाल जाधव ,डॉ मुकेश अग्रवाल ,डॉ शिला जाफरी ,डॉ शिल्पा बेस ,अविका जोशी,प्रियंका सिंह ,पायल प्रधान ,डॉ संगीता तिवारी,डॉ नीलम खान, डॉ स्नेहा सहाय, डॉ पीटर युथम , सुभिता बागरी ,डॉ अनिता घोडके, डॉ अजय गुजर ,डॉ चंद्रकांत सूर्यवंशी,डॉ राजेंद्र खेड़िकर, डॉ अंजली मेहता, डॉ नेहा गौर, डॉ विधि तिवारी , नंदिनी प्रजापत, खुशी खीच ,अंजली पांडे ,सभी शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। अमलतास विश्वविद्यालय के चैयरमेन मयंक राज सिंह भदौरिया जी द्वारा बताया गया की कारगिल विजय दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि यह भारतीय सेना के अद्वितीय साहस, बलिदान और राष्ट्रभक्ति का जीवंत प्रतीक है। आज का दिन हमें उन वीर जवानों की याद दिलाता है जिन्होंने सीमाओं की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी। कमल चौहान 151127612
