वाराणसी। शहर के निचले इलाकों में गंगा का रुख लगातार तल्खी की ओर है। तटवर्ती इलाकों में गंगा का पानी फैसने से लगातार निचले इलाकों से पलायन हो रहा है। गंगा का रुख लगभग स्थिर होने की ओर है। जबकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश करने से चुनौतियां लगातार सिर उठा रही हैं। सोमवार की दोपहर दशाश्वमेध घाट स्थित वीडीए प्लाजा के अन्डर ग्राउंड में गंगा का पानी घुसने से दुकानदार चिंतित हो गए हैं। गंगा में उफान और इसकी वजह से वरुणा में पलट प्रवाह की वजह से नदियों में आई बाढ़ के कारण पानी घाटों को पार कर अब गलियों और सड़कों पर बह रहा है। सोमवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 78 सेमी ऊपर था। हालांकि, जलस्तर में वृद्धि दर दो सेमी प्रति घंटा से घट कर आधा सेमी प्रति घंटा तक हो चुका है।
जबकि लगातार बारिश होने की वजह से गंगा में प्रमुख क्षेत्रों का पानी मिल रहा है। जबकि गंगा बैराज और कोटा बैराज का पानी पीछे से पहुंचने की वजह से प्रवाह में कोई खास कमी नहीं महसूस हो रही है। इसकी वजह से शहर के 24 मोहल्लों और 32 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। जबकि अन्य निचले इलाकों में पानी लगातार प्रवेश कर रहा है। वाराणसी में बाढ़ की वजह से घरों में पानी घुसने से 1,182 परिवार बेघर हो गए हैं और लगभग साढ़े पांच हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें से 2,877 ने बाढ़ राहत शिविरों तो शेष लोगों ने अन्य ठिकानों में शरण ली है। बाढ़ के चलते 328 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। शहरी क्षेत्रों में घाटों को पार कर पानी सड़कों और गलियों तक आ गया है। मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चल रही हैं। दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा सेवा निधि कार्यालय तक पहुंच गया है।
