ग्वालियर --प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मोहना स्थित केंद्र पर चल रहे राजयोग ध्यान शिविर के समापन अवसर पर केंद्र प्रभारी बीके ज्योति बहन ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि राजयोग ध्यान से मनुष्य के जीवन का सर्वांगीण विकास होता है। यह एक ऐसी विद्या जो मनुष्य के मन को शांत एवं बुध्दि को दिव्य बना देती है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के सानिध्य में लाखों लोग ध्यान का अभ्यास कर जीवन को सुखमय बना रहे है।
तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक एवं प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित किया और कहा कि राजयोग जीवन की दिशा बदलने बाला अभ्यास है। आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में व्यक्ति बाह्य सुख की तलाश में अंदर से खाली होता जा रहा है। राजयोग व्यक्ति को स्वयं से जोड़ता है, ईश्वर से जुड़ने का मार्ग दिखाता है और जीवन को सम्पूर्णता प्रदान करता है।
जीवन की हर परिस्थिति में यदि खुश रहना चाहते है तो थोड़ा समय अपने लिए निकाले उसमें आत्म निरीक्षण करें और जहां आवश्यक हो अपने को परिवर्तन करें। राजयोग ध्यान इसमें हमारी बहुत मदद करता है।
आगे उन्होंने ध्यान की सरल और प्रभावी तकनीकों के माध्यम से जीवन मे सकारात्मक ऊर्जा, तनाव मुक्ति एवं भावनात्मक स्थिरता कैसे प्राप्त की जा सकती है। उस अपर विस्तार से सभी को समझाया।
प्रहलाद भाई ने आगे कहा कि राजयोग केवल ध्यान की विधि ही नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक जीवन शैली है। जो व्यक्ति को आंतरिक रूप से सशक्त बनाकर उसे समाज और परिवार के प्रति और अधिक उत्तरदायी बनाती है।
इसके साथ ही आयोजित भजन संध्या में वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो गया। भजन गायक अखिलेश जी ने भजनों की प्रस्तुति के माध्यम से श्रोताओं को आनंद की अनुभूति कराई। जिनका तबले पर साथ निलक्ष्य ने दिया।
संगीत और साधना का यह अद्भुत संगम उपस्थित सभी जनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।
कार्यक्रम में कॉपरेटिव बैंक डायरेक्टर गोपाल तिवारी, नगर परिषद अध्यक्ष मोहना राधा कृष्ण धाकड़, समाज सेवी परमानंद मिश्रा, देवकीनंदन चतुर्वेदी, हर्ष तिवारी, भीम तिवारी, बारेलाल शर्मा, वालाराम शर्मा, उपाध्याय जी, विद्या शर्मा, उमा शर्मा, शांति चौबे, आशा, प्रकाश साहू, लखन धाकड़, हेमंत धाकड़, बीके पवन सहित अनेकानेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में गोपाल तिवारी, राधाकृष्ण धाकड़, परमानंद मिश्रा एवं अन्य लोगो ने ध्यान शिविर की सराहना की और कहा कि संस्थान के द्वारा समय प्रति समय ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। इसके साथ ही ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के द्वारा जो नशा मुक्ति के कार्यक्रम कई बार यहां चलाए गए उसका भी काफी अच्छा असर देखने को मिला था। क्योकि आज ग्रामीण क्षेत्र में नशा बहुत बढ़ रहा है। आपके माध्यम से जो कार्यक्रम होते है उससे काफी जगृति आती है। तो वह भी निरंतर चलते रहे। तो इसका लाभ क्षेत्र वासियों को

