महुली थाना क्षेत्र के नगुआ गांव में पुलिस हिरासत में हुई दलित वारंटी की मौत के बाद उपजे विवाद को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से संभालने में चेयरमैन प्रतिनिधि नीलमणि और पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीणा की भूमिका सराहनीय रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मौत को सामान्य पाया गया, जिससे प्रशासन और पुलिस महकमे ने राहत की सांस ली है। इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी नीलमणि पीड़ित परिवार के लिए अभिभावक की तरह सामने आए। उन्होंने गुरुवार को पीड़ित परिवार को 25,000 की तत्काल आर्थिक मदद सौंपी और मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹5 लाख तथा कृषि दुर्घटना बीमा योजना से ₹5 लाख की सहायता राशि दिलाने की पहल भी की है।
गौरतलब है कि मृतक के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए शव न सौंपने की स्थिति में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। लेकिन लखनऊ में मौजूद नीलमणि ने परिजनों से फोन पर संपर्क कर भरोसा दिलाया और पुलिस को शव सौंपने के लिए सहमत किया। बुधवार को वे स्वयं मृतक के बेटों और परिजनों को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और शव के अंतिम संस्कार तक पूरी प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई। नीलमणि ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग इस संवेदनशील मौके पर भी राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में लगे थे, लेकिन उनका उद्देश्य केवल पीड़ित परिवार को न्याय और सहायता दिलाना है। उधर, पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीणा ने धैर्य और समझदारी से काम लेते हुए समय रहते स्थिति को संभाला और दलित परिवार के साथ खड़े होकर पुलिस की छवि को संवारने का सफल प्रयास किया। ग्रामीणों का भी कहना है कि पुलिस केवल न्यायालय के आदेश का पालन करने गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश इस घटना से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। अब जब पीएम रिपोर्ट ने मौत को सामान्य करार दिया है, तो जनपद में शांति और संतुलन लौट आया है। रिपोर्ट - राज कुमार वर्मा 151109870
