वाराणसी। नाइट बाजार बनारस में अब इतिहास बन गया है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का अस्तित्व महज 1092 दिन में ही पूरी तरह समाप्त हो गया है। नाइट बाजार की दुकानें ध्वस्त होते ही लहरतारा से कैंट स्टेशन मार्ग खुला-खुला नजर आने लगा है। इससे कैंट स्टेशन के सामने जाम से भी राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
नगर निगम दो जुलाई को नाइट बाजार की 25 दुकानों को खाली कराया था। शेष दुकानदारों को दुकान खाली करने के लिए 48 घंटे की मोहलत दी थी। इसकी मियाद शुक्रवार की दोपहर में समाप्त होते ही निगम ने नाइट बाजार खाली करने का अनाउंसमेंट कराना शुरू कर दिया। रात करीब नौ बजे पांच बुलडोजर के साथ नगर निगम व पुलिस प्रशासन की टीम ने इंग्लिशिया लाइन के मोड़ से दुकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी। नाइट बाजार के दुकानदारों को रात में इस तरह की कार्रवाई होने का दूर-दूर तक अंदेशा नहीं था। अचानक निगम की कार्रवाई देखकर नाइट बाजार से हड़कंप मच गया।
दुकानदारों ने अपना-अपना सामान समेटना शुरू कर दिया। बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए आगे बढ़ती गई। करीब तीन घंटे में नाइट बाजार की सभी 120 दुकानें ध्वस्त कर दी गईं। हालांकि, कई दुकानदारों के सामान भी जमींदोज हो गया। इस दौरान अपर नगर आयुक्त संगम लाल व सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव, वरुणापार के जोनल अधिकारी जितेंद्र कुमार आनंद, स्मार्ट सिटी के पीआरओ शांकम्भरी नंदन सोंथालिया, एडीएम सिटी सहित निगम के प्रवर्तन दल बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स होने के कारण दुकानदार ने विरोध करने का साहस नहीं कर सके। निगम की टीम देर रात तक कार्रवाई निगम दुकानों का मलबा देर रात में ही उठवाने में जुटी रही।
वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने गुजरात, मुंबई समेत कई अन्य बड़े शहरों में नाइट बाजार की तर्ज पर करीब दस करोड़ की लागत से लहरतारा-चौकाघाट फ्लाइओवर के नीचे 1.7 किमी की लंबाई में नाइट बाजार विकसित किया था। इसका उद्घाटन सात जुलाई 2022 को हुआ। नाइट बाजार के संचालन व रखरखाव का जिम्मा मेसर्स श्रेया इंटरप्राइजेज के पास था।
