फास्ट न्यूज़ इंडिया उत्तराखंड। विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सभाओं में वर्ष 2024-25 में 12282000 व वर्ष 2025-26 में 207000 रुपए के कराए गए मनरेगा के कार्यों का भुगतान, शासन द्वारा पूर्व प्रधानों व सामग्री देने वाले वेंडरों को अभी तक नहीं कराया गया है। जिससे न केवल जनप्रतिनिधि बल्कि मनरेगा के काम करने वाले भी बेहद परेशान हैं। ग्राम्य विकास विभाग की परियोजना समन्वयक सुधा तोमर जी ने कहा कि शीघ्र ही भुगतान खातों में डाल दिया जाएगा। मनरेगा योजना के तहत विकास खंड की 52 ग्राम सभाओं में सड़क, नाली, बकरी और मुर्गी के बाड़े, पशु आश्रय आदि का निर्माण कार्य कराए गए हैं। मनरेगा योजना के तहत कार्य संपन्न करा चुके पूर्व प्रधानो की लगातार कोशिश के बाद भी भुगतान नहीं हो सका है। इस संबंध में पूछने पर खंड विकास अधिकारी ने कहा कि बजट के आभाव में भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र से बजट मिलने पर भुगतान किया जा सकेगा। ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा की परियोजना समन्वयक सुधा तोमर ने बताया कि मनरेगा के कार्यों का भुगतान केंद्र सरकार से मिल चुका है जिसे सरकार के खातों में डालने में एक सप्ताह का समय लग जाएगा। इसके अतिरिक्त विकास खंड में कार्यरत कार्मिकों से बात करने पर पता चला कि विगत 6 माह से मनरेगा कार्मिकों को भी वेतन प्राप्त नहीं हुआ है जबकि 13 जून को ही केंद्र सरकार ने राज्य को प्रशासनिक व सामग्री मद का बजट उपलब्ध करा दिया था। 6 माह से मानदेय न मिलने के कारण मनरेगा कर्मियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है जिससे कार्मिकों को अपने बच्चों की फीस देने व किताबें नहीं खरीद पा रहें हैं कार्मिकों के परिवारों में बूढ़े माता- पिता हैं जिनको कार्मिक अच्छा भोजन व दवा तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। कार्मिक 18 वर्षों से मनरेगा को उत्तराखंड राज्य में अपनी मेहनत से सींच रहे हैं परन्तु मनरेगा कार्मिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। और एक दिन इस आश के साथ मनरेगा कार्मिक अपने परमात्मा से जा मिलेंगे कि काश हम भी विभाग में समायोजित/पक्के हो जाते। शाहनूर अली 151045804
