राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने शताब्दी वर्ष में पूरे देश में हिंदू सम्मेलन कराएगी। इन सम्मेलनों में हिंदुओं की विभिन्न बिरादरियों, वर्गों, युवाओं, छात्रों, उद्यमियों और समाज के अन्य अलग-अलग वर्गों के सम्मेलन कराए जाएंगे। इनका उद्देश्य हिन्दू समाज के सभी वर्गों को करीब लाकर एकता स्थापित करना है। राजधानी दिल्ली में भी इस तरह के लगभग दो हजार कार्यक्रम कराए जाएंगे। संघ कार्यकर्ता विभिन्न कॉलोनियों से लेकर दलित बस्तियों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे और उनकी बातों और मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे।
आरएसएस के दिल्ली प्रान्त के वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल गुप्ता ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि शताब्दी वर्ष में सरसंघचालक मोहन भागवत का विशेष त्रिदिवसीय संबोधन दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा। इसके पहले 2018 में भी मोहन भागवत ने इसी तरह तीन दिन का विशेष संबोधन दिया था। इसके अलावा दिल्ली में कई अलग-अलग बड़े कार्यक्रम किये जायेंगे। 1925 में स्थापित आरएसएस का शताब्दी वर्ष इस वर्ष की विजयादशमी से लेकर एक वर्ष तक आयोजित किया जायेगा। संघ ने शताब्दी वर्ष में देश के हर राज्य में ब्लॉक स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। संघ शाखाओं को अपने संगठन की सबसे बड़ी शक्ति मानता है। इस वर्ष शाखाओं की संख्या एक लाख से अधिक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।