यूपी ग्रेटर नोएडा। हम बात कर रहे हैं अमन बिल्डिंग मैटेरियल शाप न. 7 नीमरी शॉपिंग काम्प्लेक्स अशोक विहार फेज 4 दिल्ली के प्रोपरायटर राजेश कुमार सिंह जो बीती 30 अप्रैल 2025 को अपने फ्लैट बी -902 आईरिस पल्स ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर -1 में विधि विधान से गृह प्रवेश करने वाले कर्मयोगी बन गए। जिन्होंने अपने साक्षात्कार में बताये कि वे 2006 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आय थे जहाँ प्राइवेट सेक्टर में चपरासी के रुप में कार्य मिला और 10 फिट के एक कमरे में दो लोगों के साथ शेयरिंग करके रहना पड़ा। 2007 में कपूर बिल्डर्स मुल्तानी डांडा पहाड़गंज दिल्ली में सुपरवाइजर के रुप में कार्य करना प्रारम्भ किया जहां रहने के लिए जो कमरा मिला उसमें बिल्डिंग मटेरियल का स्टोर भी था फलतः अधिक गर्मी लगने पर रात में फुटपाथ पर भी सोना पड़ता था। इन परिस्थितियों में मैंने दिल्ली छोड़ने का मन बना लिया था।
याद करते हुऐ बोले कि उसी दौरान मैं अपने दोस्तों से इस संबंध में कहीं और जाकर भाग्य आजमाने के बारे में मदद मांगी पर दोस्तों नें कहा कि जो किसी भी व्यक्ति के पतन का कारण होता है वही उसके अत्थान का भी कारण होता है। समझाये कि यदि दिल्ली में असफलता हाथ लगी है तो कठिन परिश्रम से दिल्ली में ही सफलता मिलेगी। फिर क्या था कपूर बिल्डर्स के ही यहां उनकी बिल्डिंग मैटेरियल वाली दुकान पर मात्र 5000रूपये मासिक पर 2008 से 2011 तक कार्य किया और इस दौरान तीन वर्ष में केवल दो छुट्टी लिया जिसका वेतन भी कटा। दुकान पर कार्य करते हुए मेरा संबंध सप्लाई करने और सप्लाई लेने वालों से लगातार बढ़ रहा था और मेरे ईमानदार और कर्मठ व्यक्ति के रुप में पहचान बन रही थी।
लक्ष्य था स्वयं बिल्डिंग मैटेरियल सप्लाई करने का और अपने कुछ दिल्ली के बिल्डर्स और मित्रों के राय से 2011 में ही नौकरी छोड़कर भाड़े की गाड़ियों से ही बिल्डिंग मैटेरियल्स की सप्लाई प्रारम्भ कर दिया फलतः कड़ी मेहनत और ईश्वर के आशीष से 2013 में मैं अमन बिल्डिंग मैटेरियल्स शाप न. 7 नीमरी शापिंग काम्प्लेक्स अशोक विहार फेज 4 दिल्ली 110052 का प्रोपरायटर बनकर मात्र एक ट्रक से सप्लाई शुरू किया और ईश्वर के आशीष से अब मेरे पास सप्लाई के लिए अपनी छोटी -बड़ी 5 ट्रक हैं। किराये के छोटी मकान में रहते हुए 2021 में रोहिणी दिल्ली में अपना फ्लैट लिया और 2025 में ग्रेटर नोएडा में अपने फ्लैट में 30 अप्रैल 2025 से अपनी पत्नी सीमा और दो पुत्रों अमन और आरव के साथ रहना प्रारम्भ किया हूँ।
बताते चलें कि मूल रुप से ग्राम गढ़मलपुर थाना पकड़ी जनपद बलिया यूपी निवासी माता कलावती देवी और पिता ऋषिदेव सिंह के ज्येष्ठ पुत्र के रुप में 01 जुलाई 1982 को जन्मे राजेश कुमार सिंह औसत दर्जे के विद्यार्थी के रुप में श्रीनाथ इंटर कालेज गढ़मलपुर सहुलाई बलिया से इंटर उत्तीर्ण कर राजकीय आईटीआई बलिया से डिप्लोमा करने के उपारांत बेरोजगार रहते हुए इनकी संगत अच्छे दोस्तों के साथ न होने की शिकायत पर इनके दादा स्मृतिशेष बृजाशंकर सिंह इन्हें डंडे से मारकर घर से भगाये और भागकर अपने बड़े पिता उदयभान सिंह के पास चंद्रपुर महाराष्ट्र गए पर वहाँ पर भी इन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ फिर चंद्रपुर से दिल्ली आकर संघर्ष करना प्रारम्भ करते हुए सफलता की नित नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।
एक विशेष प्रश्न के उत्तर में बताये कि यदि मेरे दोस्तों नें मेरा हौसला नहीं बढ़ाया होता तो मैं इतना सफल नहीं बन पता। उन्होंने अपनी सफलता का सारा श्रेय दोस्तों द्वारा बोले गए सूत्र वाक्य को दिए कि किसी भी व्यक्ति के जो पतन का कारण होता है वही उसके उत्थान का भी कारण होता है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बोले कि यह सही है कि मेरे पास कोई जरूरतमंद व्यक्ति मदद के लिए आता है तो अपने ग़रीबी के दिनों की याद करते हुए अपनी क्षमतानुसार मदद अवश्य करता हूँ, यह अलग बात है कि कई बार ऐसे लोगों से धोखा भी मिला है पर अपना स्वभाव नहीं छोड़ पाता हूँ। बोले कि समाज के आह्वान पर सामाजिक और धार्मिक कार्यों में तन मन और धन से यह सोचकर लग जाता हूँ कि यह सब ईश्वर का दिया हुआ है, आखिर गांव से मैं केवल एक जोड़ी पुराने कपड़े ही तो लेकर आया था।
एक अन्य अति विशेष प्रश्न के उत्तर में बेरोजगार युवावों को संदेश दिए कि यदि कोई प्राइवेट नौकरी भी प्रारम्भ करना पड़े तो बिना धैर्य छोड़े उस ड्यूटी को अपने घर का कार्य समझकर ईमानदारी और समर्पण के साथ करें तो ईश्वर उन्हें प्रगति का मार्ग अवश्य प्रदान करते हैं। आशा करते हैं कि शून्य से शिखर के तरफ अग्रसर यात्री राजेश कुमार सिंह के साक्षात्कार से बेरोजगार और निराश युवावों को नई दिशा मिल सकेगी।
