सेल में 27 कमरे हैं। सभी अंडाकार शेफ में हैं। एक कमरे में तीन से चार लोगों के रहने की व्यवस्था है। इन कमरों में पीओके के आतंकवादी, बांगलादेशी, उग्रवादी, हार्डकोर्ड नक्सली और कश्मीर के आतंकवादी बंद हैं। इसी में अली को भी रखा गया था, लेकिन उमेश पाल की हत्या के बाद उसे गैंग से अलग करके हाईसिक्योरिटी सेल में बंद किया गया है। यह सेल 12 कमरों की कोठरी है, जो तीन तीन तरफ से बंद है। आने जाने का एक ही रास्ता है। छह बाई आठ के इन कमरों में लोहे की मोटी राड वाले दरवाजे लगे हैं। यह सेल फांसी घर के बगल में स्थित है। अली की जेल अभी बदली नहीं गई है न ही बैरक बदला गया है। क्योंकि जिस सेल में अली बंद है उससे मुनासिब जगह नैनी जेल में तो क्या पूरे यूपी की किसी जेल में नहीं है।
क्या है हाई सिक्योरिटी सेल और बैरक