एमपी के छतरपुर जिए में स्थित भीमकुंड द्वापर युग में भी ने अपनी गदा को जमीन पर मार कर गंगाजल को उत्पन्न किया था जिसके बाद द्रौपदी की प्यास बुझी थी भीम कुंड छतरपुर जिले में खजुराहो से 100 किलोमीटर दूर एक बाजना गांव में स्थित है कहा जाता है कि इस कुंड में भविष्य बताने की ताकत भी है जब-जब पृथ्वी पर कोई भी समस्या आती है तो इसका इसका वाटर लेवल बढ़ जाता है
साथ में नेशनल जियोग्राफी डिस्कवरी वालों ने इसकी खोज की इसके अंदर 650 मीटर अंदर जाने के बाद भी पानी का बहाव इतना तेज था कि उसमें अंदर और गहराई तक नहीं जा पा रहे थे कुछ विद्वानों का कहना है कि इसका समुद्र से अंदर ग्राउंड जुड़ा हुआ है इसके अंदर कभी पानी खत्म नहीं होता है कितना भी पानी निकालना लो ना खत्म नहीं होता साथ में आसपास दो-दो सौ फीट बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं मिलता यहां पर भीमा देवी का मंदिर बना हुआ है उन्हीं के नाम से एक गुरुकुल भी बना हुआ है जिसमें बच्चों को पढ़ाया जाता है अच्छा ज्ञान दिया जाता है
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