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बड़े पैमाने पर दुकाने चलाकर मरीजों को लूट रहे झोलाछाप डॉक्टर
  • 151082090 - SHIV OM 100 1000
    19 Jun 2025 19:58 PM



फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी बदायूं। स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते झोलाछापों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। झोलाछापों के खिलाफ कागजों में चलाए गए अभियान के तहत एक माह में नौ झोलाछापों को नोटिस दिए गए, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।

जनपद की 22 लाख से अधिक की आबादी है। स्वास्थ्य सेवाएं बहुत लचर हैं। बीमार सरकारी सिस्टम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहा है जिससे गांव-गांव झोलाछाप दुकान चला रहे हैं। जिले में तीन हजार से अधिक झोलाछाप हैं। जो बड़े पैमाने पर दुकानें चला कर मरीजों को लूट रहे हैं। झोलाछापों पर अंकुश लगाने को सीएमओ ने डॉ. पवन कुमार को झोलाछापों का नोडल बनाया है।

पवन कुमार चार माह से झोलाछापों को खोज रहे हैं, मगर उन्हें झोलाछाप नहीं मिल रहे हैं। झोलाछापों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत पिछले माह नौ झोलाछापों को नोटिस दिए गए हैं। मगर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई न होने से परेशान लोग मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा रहे हैं, लेकिन उस पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

 

उझानी और बिसौली में दो माह पहले झोलाछापों की दुकानों पर छापा मारा गया था। विभाग के अधिकारियों ने क्लीनिक सील कर दी थीं। उझानी में एक नर्सिंग होम सील किया गया, दूसरे दिन ही उसे खोल लिया गया। निजी अस्पताल मालिक ने बताया कि सीएमओ कार्यालय से उसकी क्लीनिक की चाबी मिली थी जिससे उसने अस्पताल फिर से खोल लिया। इस मामले को लेकर सीएमओ कार्यालय के कई बाबू संदेह के घेरे में थे। लेकिन उनके खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई।

बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि झोलाछापों को डॉ. पवन कुमार देख रहे हैं। अब तक क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी की जाएगी। कहा कि जिले में सबसे अधिक शिकायतें झोलाछापों की मिल रही हैं। लोग शासन स्तर तक लिखा पढ़ी कर रहे हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते विभाग पूरी तरह काम नहीं कर पा रहा है।

जनपद में पांच सौ से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब हैं जहां धड़ल्ले से ब्लड सहित कई अन्य जांचें की जा रही हैं। मोटी रकम लेकर जांच रिपोर्ट देने वालों पर कार्यवाही करने को भी नोडल बनाए गए हैं। अभी तक कहां कहां लैब चेक की गई इसकी कोई जानकारी नहीं है। नोडल जांच अधिकारी मलेरिया अधिकारी डा. योगेश सारस्वत को भी प्राइवेट लैब नहीं मिल रहीं हैं। इस तरह स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। रिपोर्ट शिव ओम 151082090



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