साथ न देना हो पति का तो,
सुन लो ब्याह कराओ मत।
शादी मंडप मेंहदी हल्दी,
झूठा स्वांग रचाओ मत।
जी लेने दो जीवन उसको,
अपने ही घर आंगन में।
अपने हवसी व्यवहारों का,
उस पर बाण चलाओ मत।।
कितनी उम्मीदों से मां ने ,
बेटे का है ब्याह रचाया ।
एक बहु प्यारी सी आए,
बस इसका ही अरमान सजाया।
उनकी उम्मीदों पर सुन लो,
ऐसी आग लगाओ मत।
अपने हवसी व्यवहारों का,
उस पार बाण चलाओ मत।।
अबलाये अब सबला बन गई,
आसिकी में काट रही मर्दों को
पुलिस प्रशासन मौन पड़ीं है,
लाशो को चुन रही है टुकडो में
कोई मर्द मिला नीली ड्रम में,
कोई मर्द मिला पहाड़ो पर।
हसिनाओ का दिल ना दुखा,
क्यों बनी रण चंडी काली।
मर्द लगाओ सरकार से गुहार,
बचाओ इन हसिनाओ से।
लाओ ऐसा कोई कानून,
जान बचाओ हसीनाओ से
छेड़ छाड़ या पास्को धारा,
मर्दों पर भारी पड़ता है।
लग गई एक बार धारा तो,
जीवन भर जेल में सड़ता है।
सरकार ऐसी कोई कानून लाओ,
मर्द भी सबला बन पाए।
