हीटवेव से बचाव हेतु एडीएम ने एडवाइजरी जारी की
हीट स्ट्रोक से बचने हेतु अधिक पानी पियें, हल्के वस्त्र पहनें व घर में बने हुये पेय पदार्थो का करें उपयोग-एडीएम
फास्ट न्यूज इंडिया यूपी प्रतापगढ़। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण आदित्य प्रजापति ने हीटवेव (लू-प्रकोप) से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी कर दी है। उन्होने बताया है कि जनपद में आगामी दिवसों/दिनों में दिनांक 15 जून तक तापमान 42-44 डिग्री0 से0 से अधिक रहने के साथ-साथ आई0एम0डी0 द्वारा जारी चेतावनी के माध्यम से जनपद को यलो अर्लट/श्रेणी प्रदान किया गया है जिसके माध्यम से दर्शाया गया है जिससे तापमान में वृद्धि होने के कारण हीटवेव (लू) बढ़ रहा है जिसमें आवश्यक सावधानियां रखी जानी चाहिये। उन्होने लू (हीट स्ट्रोक)/गर्म हवाओ से बचाव हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जनहित में जारी करते बताया है कि गर्मी में शरीर के द्रव्य बाडी फल्यूड सूखने लगती है। शरीर से पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। अपर जिलाधिकारी ने हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय के सम्बन्ध में बताया है कि अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगी हो तब भी, हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्क वस्त्र पहनें, धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खूले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहे तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ ले जाये। ओआरएस, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचाने। यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें। अपने घर को ठण्डा रखें, पर्दे, दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें। पंखे, गीले कपड़े का उपयोग करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यो को ठण्डे समय में कराने का प्रयास करें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ायें। गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिये। उन्होने बताया है कि जानवरों एवं बच्चों को कभी भी बन्द/खड़ी गाड़ियों में अकेला न छोड़े। दोपहर 12 से अपरान्ह 3 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिये जहां तक सम्भव हो घर के निचली मंजिल पर रहे। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें। अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं सवंमित खाद्य एवं पेय पदाथो्र का प्रयोग न करें। अल्कोहल, चाय व काफी पीने से परहेज करें। हीट स्ट्रोक के लक्षण को पहचाने जैसे गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मितली, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी होना। रिपोर्ट विशाल रावत 151019049
