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अहमदाबाद विमान हादसा: क्या होता है ब्लैक बॉक्स, कैसे इससे खुलेंगे हादसे के राज़?
  • 151000001 - PRABHAKAR DWIVEDI 0 0
    12 Jun 2025 18:16 PM



नई दिल्ली। लंदन जा रहा एयर इंडिया का Air India Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर, फ्लाइट AI-171, गुरुवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल हवाई अड्डे से टेकऑफ के कुछ पलों बाद क्रैश हो गया। इस हादसे ने बड़े पैमाने पर बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और विमानन आपदाओं के कारणों का पता लगाने में काम आने वाले फ्लाइट रिकॉर्डर्स यानी ब्लैक बॉक्स के मिलने के बाद ही वजहों का पता लग पाएगा। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि ब्लैक बॉक्स क्या है और ये ये क्यों जरूरी होता है। विमान ने रनवे 23 से दोपहर 1:39 बजे IST पर टेकऑफ किया और तुरंत बाद MAYDAY कॉल जारी किया, जैसा कि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने बताया। विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा और हवाई अड्डे के बाहर मेघानी नगर क्षेत्र में क्रैश हो गया, जिसके बाद भयंकर आग लग गई। फ्लाइट में कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर कमांड में थे, जिसमें 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर्स लंदन गैटविक जा रहे थे। बचाव टीमें बचे लोगों की तलाश कर रही हैं, जबकि इन्वेस्टिगेटर टीम विमान के ब्लैक बॉक्स को प्राथमिकता के साथ ढूंढ रही हैं। इसी से सारे राज सामने आए सामने आ पाएंगे।

अहमदाबाद विमान हादसे में Air India Boeing 787-8 का ब्लैक बॉक्स हमें क्या बता सकता है?

अहमदाबाद क्रैश जांच में ब्लैक बॉक्स ये साफ कर सकता है कि हादसा मैकेनिकल फेल्यर, इंजन खराबी, बर्ड स्ट्राइक, ऑनबोर्ड फायर या मानवीय गलती के कारण हुआ। रिकॉर्डिंग्स से MAYDAY कॉल, ऑटोमेटेड चेतावनियां और टेकऑफ के बाद के महत्वपूर्ण पलों में रिकवरी के प्रयासों की जानकारी मिलेगी। विमान के 625 फीट पर क्रैश होने के कारण, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर इंजन परफॉर्मेंस, कंट्रोल सरफेस पोजीशन और सिस्टम चेतावनियों के सटीक डेटा देगा। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर इमरजेंसी चेकलिस्ट, क्रू कोऑर्डिनेशन या मैकेनिकल प्रॉब्लम्स पर डिस्कशन को कैप्चर कर सकता है। रिकवरी के बाद, ये डिवाइसेज या एयरकाफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के फोरेंसिक लैब में भेजे जाएंगे, जहां एक्सपर्ट्स मेमोरी मॉड्यूल्स निकालेंगे, वॉयस और फ्लाइट डेटा को सिंक्रोनाइज करेंगे और रडार लॉग्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड्स के साथ मिलान करेंगे। एनालिसिस प्रोसेस में डिवाइस के नुकसान और हादसे की जटिलता के आधार पर दिन से लेकर हफ्तों तक का समय लग सकता है। हालांकि, जांच की दिशा तय करने के लिए शुरुआती आकलन आमतौर पर 24 घंटे में दे दिया जाता है।

ब्लैक बॉक्स क्या होता है?

ब्लैक बॉक्स ब्लैक कलर का कोई बॉक्स नहीं होता। दरअसलस, 'ब्लैक बॉक्स" असल में ब्राइट ऑरेंज कलर के क्रैश-रेसिस्टेंट डिवाइस हैं, जो जिन्हें एक्सट्रीम कंडीशन और आग से बचने के लिए डिजाइन किया जाता है। हर कमर्शियल विमान में दो ऐसे रिकॉर्डर होते हैं, जो रीइन्फोर्स्ड केसिंग में रखे जाते हैं और विस्फोट, आग, पानी के दबाव और हाई-स्पीड क्रैश को झेल सकते हैं। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर महत्वपूर्ण टेक्निकल पैरामीटर्स जैसे अल्टीट्यूड, स्पीड, इंजन थ्रस्ट, और फ्लाइट पाथ डेटा रिकॉर्ड करता है। आधुनिक विमान, जैसे क्रैश हुआ बोइंग 787, हजारों पैरामीटर्स रिकॉर्ड कर सकता है, जिसमें कॉकपिट कमांड इनपुट्स से लेकर एयर कंडीशनिंग सिस्टम तक शामिल हैं। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर कॉकपिट के सभी ऑडियो - पायलट की बातचीत, रेडियो ट्रांसमिशन, वॉर्निंग अलार्म और मैकेनिकल आवाजें - रिकॉर्ड करता है, जो क्रैश से पहले के पलों की अहम जानकारी दे सकता है। ये रिकॉर्डर लगातार 25 घंटे की जानकारी स्टोर करते हैं, जिसमें उस टाइमपीरियड की पिछली उड़ानों का डेटा भी शामिल होता है, जो कभी-कभी समय के साथ डेवलप हुई मैकेनिकल खामियों के संकेत दे सकता है।

विमान हादसों में ब्लैक बॉक्स क्यों महत्वपूर्ण सबूत हैं?

फ्लाइट रिकॉर्डर इन्वेस्टिगेटर्स को क्रैश से पहले की घटनाओं का सेकंड-बाय-सेकंड रिकंस्ट्रक्ट करते हैं, जो कॉकपिट और विमान सिस्टम्स में क्या हुआ, इसकी साफ डिटेल देते हैं। ये क्रिमिनल केस में DNA सबूत की तरह हैं - जब इंसानी गवाह उपलब्ध नहीं होते, तब ये निष्पक्ष गवाही देते हैं। इसलिए हादसे की वजहों को जानने के लिए एक जरूरी सबूत है।
 
 



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