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नाबालिग बच्चा करे प्यार-मोहब्बत की बातें तो माता-पिता को करना चाहिए ये काम
  • 151000002 - RASHMI TRIPATHI 0 0
    09 Jun 2025 18:42 PM



फास्ट न्यूज़ इंडिया 

एक उम्र में आते-आते बच्चों के दिमाग में तमाम तरह के सवाल उठने लगते हैं। खासतौर पर जैसे-जैसे बच्चे टीनएज उम्र की तरफ बढ़ते हैं, वैसे -वैसे उन्हें फिजिकल और मेंटल चेंजेज से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में वो प्यार की तरफ भी अट्रैक्ट होते हैं। इस दौरान माता-पिता को घबराने या गुस्सा करने की बजाय समझदारी से पेश आना चाहिए। ये उम्र भावनात्मक विकास का एक सामान्य हिस्सा है। इस दौरान पैरेंट्स को जिन बातों के बारे में ध्यान रखना चाहिए, हम आपको यहां उसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
शांत रहें और तुरंत रिएक्ट न करें
यदि आपने अपने बच्चे को प्यार-मोहब्बत की बातें करते सुना है तो तुरंत रिएक्ट न करें। पहले अपने बच्चे की बातों को अच्छ तरह से सुनें। बच्चे ने अगर आपसे कुछ शेयर किया है, तो यह विश्वास की निशानी है। यदि आप तुरंत गुस्से में कुछ प्रतिक्रिया देते हैं तो हो सकता है, भविष्य में वो आपसे कभी कुछ साझा न करे।
बनाएं दोस्ती का रिश्ता
यदि आपका बच्चा प्यार-मोहब्बत की बातें कर रहा है, तो उसपर एकदम से बरसने की जगह उससे दोस्ती का रिश्ता बनाएं। जब ये रिश्ता मजबूत हो जाएगा तो आपका बच्चा आपसे खुलकर बात कर सकेगा।दोस्ती होने के बााद आप गलत दिशा में जाने से पहले उसे गाइड कर सकेंगे।
अब करें बात
दोस्ती का रिश्ता बनाने के बाद अपने बच्चे से बात करें। पहले उसकी बात को ध्यान से सुनें। उससे प्यार से पूछें कि वो क्या महसूस कर रहा है। कई बार बच्चों को आकर्षण ही प्यार लगता है। ऐसे में उन्हें आकर्षण और प्यार में फर्क समझाएं। उन्हें प्यार का मतलब समझाएं।
उनकी प्राथमिकता गिनाएं
बात करते-करते उन्हें ये बताएं कि प्यार की एक उम्र होती है और अभी फिलहाल उनके लिए आत्म-सम्मान, पढ़ाई और खुद की सेहत सबसे पहले हैं। इसके साथ-साथ फिजिकल बॉन्डिंग की सीमाएं और इंटरनेट से जुड़ी सावधानियां भी बताएं, ताकि कोई आपके बच्चे का फायदा न उठा सके।
ये काम भूल से भी न करें
यदि आपके बच्चे ने आपके साथ या आपके सामने प्यार मोहब्बत की बातें की हैं, तो उन्हें डाटें नहीं। अक्सर माता-पिता ऐसी बातें सुनकर भड़क जाते हैं, जबकि ऐसा भूल से भी नहीं करना चाहिए। उन्हें प्यार से समझाएं। कभी भी इस मामले के बाद बच्चों की आजादी न छीनें। ऐसा करने पर वो और भी ज्यादा गलत राह पर चलेंगे। बस ध्यान रखें बच्चे का प्यार करना गलत नहीं है, लेकिन उसे सही दिशा देना माता-पिता की जिम्मेदारी है।

 



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